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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - - - - pai - - कादरकरीवाल को मान करती है कालोनी औरवायकैमडोडातथाजलंधरनथवालकुमाचौर छातीकीपीडाचौरस्वासकासकोदूरकरैयाकीलाग/ कासनीसोरवदलकलोंजीदायथमिस्कासन फारसी में मश्क और हिंदी मेंकस्तूरीकहतेहेंदूसरेदरना|| मेंगरमऔरतीसरे में खुश्क है ओरजोजापुरानीपड़ती। जातीहैत्योंत्योंविशेषखुश्कीलातीहैजनावकाकोलाहै। केसुगंधितकस्तूरीस्वसुगंधोंसेनतमहोतीहैजोडॉको मजवूतकरती हैवानकोधवलकरतीहैयाहरीचौरभीत रीजोडौकोनोरहवासतथानाकतकोपवलकरती हैगों कोषीलनी होरसीतकेदोशों कोपचाहे ओरवि वों कादरकरेनोरमस्तककेशीतकेरोगोंकोदूरकरती है। औरगरमपक्रतीवालेकोनुकसान करतीहेभोरदवाई। यो केवलकोशरीरकेभीतरघातकरतीहे श्रीरवाकासदैव संघेतोरंगकोपीलाकरतीहेयाकीलागकपूर औरगुला वहे नौरवदलयासवच हे ग्रथमलहमर्थात || फारसीमेंनमक हिंदी में नोनसवधकारकोदूसरेदरजामें गरमौरखुश्क है ओरहालतोंकीकमीवेशीइनके पथकश्यपजेसेजेसेनोनहें नेसेहीजनावकाकोन केनोंनभोजनकाधारंभकरोसौरनॉनहीसेवाको समाशकरोकेनॉनसवरोगोंकीदवाहै और लाहोरीनों नमवसेनतमहोताहैवायकफकोदस्तोंकेद्वारानि कालेओरचेपदार तरीकोदूरकरें और अधिकोंना धानेसेनेनोंकीजोतघटतीह औरवीर्यपतलापङजा ताहे औरषुजलीचलाती।अथवर्द अर्था निफारसीमेंगुलपुर्खौरहिंदीमें गुलाब के फूलमा - Kinnarunmann u arunawwam - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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