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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - - - - -- - सीताफलके वीजकीमींगी घिरनीके वीजकीमी|| गी।सववरावरलेकेपीसकेलगावै॥ फसल सज्ञासीवी। जोसोथोरफुनसीचौरचोटमोरचोटलगजा नेश्रादि के दूर करने केतिलाना।तिला जी जलनसहित फुनसीऔरतरफुनसीकोदूरकरे विधि रक्तचंदनासुपारी गेरूवरावरलेके हरेधनिये के रस में तथा मकोय के पन्नों केरस में पीस केतिला करै॥तिलाजोजलनउपजाने वालेसोथ कोदूर करे विधि दोनों चंदनसूषो धनियों एकर तौलेजोकोचूनरतोले गेरूकैमा पानी में पीसकेलगावैश्योरंउसपरकपडाभि जो केराये॥तिला जोडोंके दूटजाने औरकुच लजाने और सूजजानेको दूर करें।विधि गेरू सुपारी।सुपेदचंदनाएकरतोलारसोतामसिंग। एलूमाछैमागहरीमकोय के पन्नों के रस में पीस केलगावै॥तिलाजी......"चोट लगजाने | कोदूर करै|विधिएलमामाशोरवतमीके | वीजीवनफशाके पन्नोदोनों चंदनाभटवाशानार ना छैमाशोचूरन करके भुगी के मंडेकीमुपेदीमि लाके गुनगुना करके लगावै॥अथवा धिले कालेतिलापिलीसरसोगिएकतोलेसंभालू के पत्ते।मकोयकेपोडेहरतोलेपानी में पीसके|| गरमागरमलगावै॥तिला जोचोट-सौरचोटके लगजाने के असरको दूर करैऔरजीडकेरंगरूसको - - - - - - - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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