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हाला
विधि
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केशनेधिसके धेथवागवाजे फूलमा जिंदगुलाव-नोरनीलोफरके घेनिथवाव डाधीएकाटके घे॥शमूमाजोभूलौरभस्त कपीडाकोगुणकरे।।विधिजायफलाजावि बीलोंगाकालीमिर्चीचूरन करके दोनामरुवाको रस तथालतलीके पानी मिलाके घेताम्म
जोचक्करमानेको गुणकरै है।विधिशहराध नियो। तथा ताजासेवतथापक्का-अमरूद । मूमजोविशेषनिद्राकोदूरकरैहै।विधि। कालीमिर्चजौकुटकरके सिरका में डाल के घे॥
अथवागकस्तूरीसूंघेश्यथवा कुटकी कालीवचा कडवाकूट घे
फसलसाठची। नेत्ररोगों के पाअर्थात् लंबीगोलीयों
श्याफाजीनेत्रपीड़ा को तुर्न दूर करे विधि। गुलावके फूलसवातोलेाकेसर, मासेमिफीम९०४ माशे वालछडावंबूरकोगोंदतीनरमाशेादरपावके पानी में श्याफवनावैपायाफाजीनेत्र के कोने के नासूरको गुणकरैहै। विधिएलसालोवाना गुलनार सोहनमाषीदम्मुलभखवेनासुमाफि टकिरी तीनरमाशगुलावजल में श्याफ वनावनी रनासूरको मूंहपोंछ केटपकावै॥श्याफाजोषु जली-ओरटलकाौरवामनी नावनाओरपलको केकडेपन कोगुणदायक है।विधिगलालीला योथा।ममीराचीनी समुद्रफेनारसोतमक्कीचार/
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उसमें
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