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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - -- %3D ौरवमनचौरदस्तों को बंद करनेवाला।वि धिसेवकोच्छीलकेवीज निकालके औरकुल चलकेनिचोडेजवसवासरेरस निकलावैत वपकावैजवाधारहेतवटाईपावसुपेदकंदमि लाके चाशनीकरलेवाशरवतसंदल जी दिलकोपलदेहोल दिलीकोदूरकरैकेलेलेको गणकरे औरउदरकीगरमीशीतकरै-औरप्यास कोबुभावै॥विधि सुपेदचंदनकोचूरोश्राधा पावऔर माधसेरगुलावकेअर्क में पहरभिजो केथोडाधोटाकेमलकेछानले ओराधसेरेम पदकंदभिलाकेचाशनीकरलै|शरवत्तनारं जाजोदिलोरन्दरकोताकतदेऔरचिन्न सन्त्रक विधिवासेरभरसुपेदवरोपावगाव जुवाकेश्चर्कमिलाकेचाशनीकरैजवरखूवगार्ने होजायतववरावरकानारंगीकारसंनिकालकेनि लाकेतीनचारजोसदेकेऔरतीनमासेकेसरतो लभरगुलावजलघिसके मिलावैशरवतवि जोरकेपत्तेकाजोदिलोररकी निर्वला साऔरहेंलदिलीको गुणाकरे॥विधिविजोरे। केपलानगढाई सोसेरभरपानी में श्रीटा वैजवनी सराभागरहै तव विना मलै छान ले और३ पावस पेदबूरोमिलाकेचाशनीकरलेशरवत्तविजो रेकेछिलकेकाजोनदरको अवलदे और चितपसन्न करे विधि विजोरेकाछिलकाजो गीलाहोयतोसरभर ओरजोसूयाहोयतोवाधसेरा ATE - mamamerimaw - - .. Neww w - - - - mukamiraram For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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