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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ९२८ T - - - कालीमिची सववरावरलेके चूरन करके राषैत्री रनित्यधान कालगुवारपाठेकाएक टुकड़ारमासे। कालेके वामें जिग्नोंचूरनलपटे नतनो लपेटकीनि गलजायाकरैसफ।जो कमलवायको दूर करै॥विधि।पीली गंधकरमाशोअमरवेली जमोदासुपेदकदरूगोंदचारमासोचिलगो जाकीभीगीतोमासेमुनक्कासषीतोले चूरन करकेथोडासाफाकके परसे सोफका अकी पीवै॥सफूफजीकलेजे की सजनकोएण करेनोरनस्काताकतदेहै|विधि गुलाव के फूल नोमासे जरिएकालापधुलीहासान २भासेोमुपेदवंशलोचनासुपेदचंदनानिशास | तावंबरको गोदतीनरमासारवत-चीनीरमा से केसर मासेरतोलेसुपेदाभित्रीलेनी। सफफाजोकलेजेकीसजनकोदूरकरेहै।। || और पैसावजारी करे॥विधिोखरदूजाकीमीगी धीराककडीके वीजन कीमीगीकासनीकेवीज। कासवेलकेवीजनौरमासाने सोफाम्र जमोदा मुल्हटी।कोसन्नाजरिप्रकारेवतचीनीला पधुलीवालछडामस्तंगी मासाकेसरश्नीनमा से। काफूररमासा-औरसवसेनाधीसुपेद मियीले नीसफाजोघवासीररवूनी औरवादीकोदूर करे विधिविकायनकेवीजकीभीगी निवाली कीभीगीरसोताकालीहर्डी सववरावरलेके चूरन मासेठंडे पानी केसंगफाकैऔरउस्केम्परपी - - -mor e -- -- - - - - - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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