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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १९ई - - - - -H AMAvai - - एमासेले के काम में लांच अथवायहमंजन मोहको सुगंधितकरैःोरदाताकोमजदूतकरै और निधारन्योर मसूडोके मान्सकोजमावैमोरम जबूतकर विधि पारी कोडीनगभस्म करके समुद्रफेनासजीसेंधानोंनतीनभासे जौजले हुए सोरगरजलाहुचायकरकरा सीतलची नीपाँचरमासोलोंगरमासेलेिके काम में लावै। अपवादातों को मजबूत करने में यामंजन कीतुल्ानही हैं।विधिहडीवहेडााग्रामलासों मिर्चीपीपरा मेजूफलापतगासेंधानोंनाकालानों नासाभरनोनालीलाथोथासववरावरलेकेजेसें हिंदी वैद्यक में लिषादोहा॥ त्रिफलाबिक बाटातलीयातीनों नोन पतंगादोतवनसमहीन है। भाजूफल के संग॥९॥ अथवा यह मंजनके गाईचर-जमालीयाहैजादाँतों की पीडा-ओरह, लने कोदूरकरे॥धिधि कुचला को कोइल मामलेोतास केचीजोंका कोइलाएकरतोले काली मिर्च सेंधानोंन? २ मासे लेके मंजनक र औरयाके कपरकुल्लानकरै-ौरपानकीची डी-चावैतीतुर्तहीअधिक गुणकरें। फसल व्यालीसवी सनूनचर्या तमिस्सी के भेदों में मिस्सी जोदाँतौरभ सड़ों को मजबूत करै ओरसुगंधित करे॥विधि लोहचूराहतोलेाहरामाजूफल४तोलेाली लाधोथाभुनातोलोसुपेदकेस्थाश्तोलाछो| ORame wwwmumanagempdanana HINMarwa - - - - - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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