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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 88 48. INDEX OF WORDS. शून्यतः, 73, 97. सकृदागामिफलप्रतिपन्नक, |समकर्णता, 84 (69). शून्यता, (twenty) XLI. IO2. समक्रमता, 84 (26). शून्यताशून्यता, 4I. संग्रहवस्तु, (four) XIX. समगंध, 37. शूरंगम, 136. संघ, I. समचत्वारिंशतता, 83. (शोकपरिदेवदुःखदौर्मनस्योपा- संघभेद, 60. समताज्ञान, 94. यास), 42. संघात, 121. समदंष्ट्रता, 84 (58). शोष, 118. संघानुस्मृति, 54. समदंतता, 83. श्माशानिक, 63. संचारणी, 13. समंतप्रभा, 65. श्रद्धा, 30, 47, 48, 19. संचेतनिकाहार, 70. समंतप्रासादिकता, 84 (41). श्रद्धांग, (four) LXXXI. | संजीव, 121, 123. समंतभद्र, 12. श्रद्धानुसारिन, 103. संज्ञा, 22, 30. समाधि, (four) cI; (four) श्रद्धाविमुक्ति, 103. संज्ञावेदयितनिरोध, 59. OXXXVI; 23,30,47, श्रावकयान, 2. संज्ञास्कंध, (one) XXVIII. श्रीवासमुक्तिकनंद्यावर्तलक्षित-सत्कायदृष्टि, 68. समाधिपरिहाणि, 79. पाणिपादतलता,84(80). सस्वकषाय, 91. समाधिवल, 75. श्रुतमयी (adj. f.), IIO. सवलंघन, 131. समाधिसंबोध्यंग, 49. श्रोत्र, 24, 25, 26. सत्वलोक, 89. समाध्यावरण, (six) CXVIII. श्रोत्रविज्ञान, 25. सत्वाध्य, (three) XCII. | समानार्थता, 19. नक्षणत्व, 38. सत्वार्थक्रियाशील, 106. समाप्ति, 31. घडायतन, 42. सल्लाथैप्रबंधिक, II2. समुत्पाद (अनुत्पन्नानां कुशलसंरक्षण (उत्पत्रानां कुशलमूसवार्थाभावक, III. मूलानां), 45. लानां), 45. सत्वालंघन (2), 130. समुदय, 21. संवर्तकल्प, LXXXVII note. सत्वंद्रियपरापरज्ञानबल, 76. समुदयज्ञान, 93. संवृतिज्ञान, 93. सत्य, (two) Xcv. समुदयतः, 98. संवृतिसत्य, 95. सत्याभोग, 118. समुदयसत्ये चत्वार आकारा:, संस्कार, (two) XXIX; 22,| सत्यार्थोपायपरोक्ष, 114. ___(four) XCVIII. 42. सदोषापकर्पध्यान, 109. समुदये धर्मज्ञानवांतिः, 96. संस्कारसमन्वागत, 46. | संतिरणविकल्प, 135. समुदये धर्मज्ञानं, 96. संस्कृतशून्यता, 41. संत्रासनी, 13. समुदयेऽन्वयज्ञानक्षांतिः, 96. संवेदन, 90. संनाहवीर्य, 108. समुदयेऽन्वयज्ञानं, 96. सकृदागामिन, 102. समोत्सदता, 83. संपत्प्रदा, IV note. सकृदागामिफल, 103. सभागता, 31. | संप्रजन्य, 119. For Private and Personal Use Only
SR No.020820
Book TitleText Documents And Extracts Chiefly From Manuscripts in Bodleian Vol 01 Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMax Muller, H Wenzel
PublisherOxford
Publication Year1885
Total Pages107
LanguageEnglish, Sanskrit
ClassificationBook_English & Book_Devnagari
File Size8 MB
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