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श्रीमत मुक्तिविजयजी गणि (गलच दर्जा.) आदिकं सदगुरु.
मुनिराज श्री वृद्धिचंदजी. मूल नाम-कपागम.ज्ञाति-आसवाल.
जन्म,-स. १८५५ दाक्षा स. १९०८
बालब्रह्मचारी श्रीमन नटगय जाके शिष्य. o स्वगवास. सं० १९४१.
मुनिराज श्री नीतिविजयजी.
मल सूरतके. नाम-नगीनदास. दीक्षा. सं० १९१३. बहधा खंभात में रह. श्रीमन बटेगयजीके शिष्य. स्वर्गवास, सं० १९४७. 0
श्री खांतिविजयजी. (तपस्वीजी ) मल नाम-खरायति मल्ल हूंढक दीक्षा, सं. १९११. संवंगी दीक्षा. सं० १९३०. श्रीमन् बटेगयजीके शिष्य, काठिआवाड में विचर हैं. स्वर्गवास, सं० १९५९. ( जन्म चरित्र-पृष्ट ४०.)
मान श्रीमन्महोपाध्याय श्री लक्ष्मीविजयजी
( विश्नचंदजी) मूल-पुष्करणा ब्राह्मण. दृढक दीक्षा, सं० १९१४
श्री आत्मारामजी के य बंड और विद्वान शिष्य थे.
स्वर्गवास, मं० १९४०. (ज. च. पृष्ट ४४.६०.)
मुनि महाराज
श्री १००८ श्री बुद्धि विजयजी
(बूटराय जी ). जन्म-सं० १८६३.
दंढक दीक्षा,
सं. १८८८. स्वयंमव संवगी दीक्षा,
सं. १९०३. बाल ब्रह्मचारी. तपगच्छ दीक्षा सं. १९११.
____For.Private And Persat म्नानाममा