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तडुल
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॥10॥
1093EDIESSESESias
जाणंसि निरुवधाएणं बाहुबलं हवा, ताणं चेव से नवधाएणं पासवेयणा पुष्टिवेयणा कुचि- 1) अर्थ वयणा कुडिसूले दवइ.
आनलो! इमस्स जंतूस्स सठिसिरासयं नातिप्पन्नवाणं अहोगामिणीयं गुदप्पविठाणं, जागंमि निरुवघाएणं मुत्नपुरिमवानकम्मं पवना, ताणं चेव नवघाएणं मृत्तपरिसवाननिप्रश्ने ती# क हलीसुधि गयली ब, के जेनने जो ( कई पण) उपघात न थाय तो ते. श्री बाहुनुं बळ (स्थिर ) रहे ठ, अने तेनने जो नपघात थाय तो पडखांनी वेदना, पृष्टनागनी वेदना, कुदिनी वेदना अने कुक्षिमां शूल नत्पन्न श्राय उ.
1001 वळी हे आयुष्मन् ! श्रा प्राणीनी एकसोसाठ नामी नान्निश्री नत्पन्न अश, नीचे जगुदानसुधि दाखल अश्डे, के जेनने जो (कं पण ) नपघात न पाय तो तेन मत्र त
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