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तंडुल°// तोवधम्माणुरायरते. से णं जीव धम्मकामए, पुनकामए, सम्मकामए, मुस्ककामए, धम्म अर्थः
कंखिए, पुनकंखिए, सग्गकंखिए, मस्ककंखिए, धम्मपिवासिए, पुनपिवासिए, सम्गापवामिए, मुस्कपिवासिए, तच्चिने, तम्मणे, तल्लेले, तदनवसिए, तत्तीवनवसिए, तत्तीवनवसाणे, | एयनो अन्निलाषी, स्वर्मनो अन्निलाषी, तथा मानो अन्जिलापी थाय ने वळी ते धमनी | वांगवालो, पुण्यनी वांगवालो, स्वर्गनी वांगावालो, मोदनी वांगवालो, धमनी तृष्णावालो, पुन्यनी तृष्णावासो, स्वर्गनी तृष्णावालो, मोक्षनी तृष्णावालो, तेमांज चित्तवालो, ते. मांज मनवालो, तेनीज लेश्यावालो, तेनाज ध्यानवालो, तेनाज तीव्रध्यानवालो, तेनाज ती-॥ २२॥ व अध्यवसायवालो, तेमांज प्रेम करनारो, तेमाटेज उपयोगवालो, तथा तेज नावनायी | नावित यएलो, ( ते गन्नगत जीव ) जो त ( पूर्वोक्तविचारवाला) समयनी अंदर मृत्यु पा.
REMEDIEHatataka
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