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शब्द अर्थ सर्ववीरेश्वरीसर्वव्यापी-ऊ सर्वशः-ग सर्वसंक्षोभिणी-काघ सर्वसंज्ञःसर्वसमर्थ:-ढ सर्वसमुद्भवः-ए सर्वसम्मोहिनी-च सर्वसिद्धीश्वरी-ज सर्वस्तम्भिनी-छ सर्वस्त्रोता:-ठ सर्वस्वामी-ड सर्वहर:-घ सर्वहिसक:-प सर्वाकर्षिणी-घाक्ष सर्वाङ्कागमः-झ सर्वाङ्गसागर:-क्ष सर्वांगुलिः-न सर्वात्मा-क्ष सर्वादि:-ग सर्वान्तक:-क्ष सर्वार्थसाधिनी-ग सर्वालङ्कारसंयुतः-च सर्वाल्लादिनी-ङ सर्वेश्वरीबोजम्-झम्यरूं सर्वष्ट:-थ सर्वोक्तघटनावली-ज सर्वोन्मादिनी-ट सर्वोपकारक:-क्ष सुलम्-वाव
वर्णबीजकोषा शब्द अर्थ शब्द सलिलम्-वाय
सामगः-स सव:-वाव
सामगर्भ:-बाउाक्ली सवकर्ता-कामक सामयोनि:-क्री सवमुख:-रार
साम्बु:-रूँ सवरम्-वाव
साभ्राज्यबीजम्-हसौम् सविलासिनी-ऊ
सारः-टायालाय राव्यचन्द्र:-थ
सारङ्गतिः -ग सव्यवाहुमूलम्-च सारणक:-स सव्यस्वर:-ऊ
सारस:-
ऐसादा सशिखा-फ
सारस्वत:सहजात्मा-स
सार्धबला-ध्रीं सहस्रभुज:-ख
साधशृङ्गम्-क्रो सहस्रवदन:-आउक्लिीं सिंहनाद:-न सहस्रांशु:-म
सिंहनादिनी-औ सहस्राक्षा-ल
सिंहबीजम्-हसक्ष्भ्रीं सहा-लाल
सिंहभरवी-म साक्षो-ल
सिंहास्या-अ शागम:
सिंहिका-डाढ सागरः-वारूँ
सिहिनी-ब सागरमेखला-लाल सितभानुः-1(अं) सागरा-ऋान
सितसिन्धुः-ल सांख्ययोगोद्भवा-ज सितजिह्वक:-:(:) सागराम्बरम्-रार सिद्धदेवः-ए।गासाह साञ्चला-ऊ
सिद्धलक्ष्मी:-०(अं)।ज. साट्टहासपदेश्वरी-झ सिद्धसिन्धु:-रूँ साढिपुष्पम्-त
सिद्धापगा-ल साधुः-छ
सिद्धाम्बा-छ सानुबीजम्-ग्लो सिद्धिः-खागाआढ सानुमान्-द
सिद्धिदा-ढ सानुलोमाग्रसन्धिका-3 सिद्धिप्रदः-ग
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