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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम खण्ड 321 लिया। 1941 में आपने श्री दुलीचंद भाई मेहता और सक्रियता से भाग लेने लगे और अनेक बार जेल गये। श्री नीलकण्ठराव झलके के साथ व्यक्तिगत सत्याग्रह वे भारतीय कांग्रेस कमेटी, सोनीपत कांग्रेस कमेटी आदि किया था। सत्याग्रह में भाग लेने के फलस्वरूप 1941 के सदस्य रहे। गुटबाजी से दूर रहने वाले सिंगल साहब में 6 माह के कारावास का दण्ड आपको दिया गया; की धर्मपत्नी श्रीमती लीला जी भी इस आन्दोलन में जो आपने नागपुर जेल में भोगा। भारत छोड़ो आन्दोलन कदम से कदम मिलाकर चलीं, लाठियों की मार सही में आप पुन: गिरफ्तार किए गए, फलतः 14 माह तक और जेल गईं। नजरबंद रखे गये। सिंगल साहब दस्सा अग्रवाल जैन थे। जब स्वराज्य प्राप्ति के पश्चात् आप अनेक दिगम्बर जैन समाज ने उनके मंदिर-पूजन पर रोक राजनीतिक एवं सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रहे। 1952 में प्रथम लोकसभा चुनाव हुए। आप छिन्दबाड़ा जिले लगाई तो वहाँ दस्सा समाज स्थानकवासी बन गई पर से लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए और निर्वाचित भी सिंगल साहब का सभी से समान प्रेमभाव और हए। इस प्रकार आपको छिन्दवाडा जिले के प्रथम सांसद मेल-जोल रहा। सिंगल सा0 का 18 अप्रैल 1970 को बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आप विधानसभा सदस्य दिल्ली में अपने पुत्र वीरेन्द्र कुमार के निवास पर भी रहे। आप पांदर्ना नगरपालिका के अध्यक्ष, प्रदेश स्वर्गवास हो गया। कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा जिला कांग्रेस कमेटी आ0- (1) जैन सन्देश, अक्टू, 1971 के अध्यक्ष आदि पदों पर रहे। 1972 में स्वतंत्रता श्री रामचरण जैन की 25वीं वर्षगांठ पर तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा ताम्रपत्र प्रदान कर आपको दमोह (म0प्र0) के श्री रामचरण जैन, पुत्र- श्री सम्मानित किया गया था। नन्हे लाल का जन्म 1923 में हुआ। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में आपने भाग लिया, जेल आ0- (1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-13 यात्रा की तथा पराधीनता की कठोर यातनायें सहीं। (2) स्वाधीनता आन्दोलन में छिन्दवाड़ा जिले का योगदान, (टंकित शासन ने सम्मान पत्र प्रदान कर आपको सम्मानित शोध-प्रबन्ध) पृष्ठ-321-322 (3) स्मारिका किया है। श्री रामचंद सिंगल आ) (1) म0 प्र0 स्वा) सै), भाग 2, पृष्ठ 89 _ 'सिंगल साहब' उपनाम से विख्यात श्री रामचंद श्री रामचरण लाल जैन कुलैथ सिंगल, पुत्र- श्री तोताराम हलवाई का जन्म वर्तमान पिता की छह सन्तानों में से मात्र एक ही देश हरियाणा के सोनीपत में संवत् 1960 (1903 ई0) की आजादी पर मर-मिटने के में हुआ। गौरवर्ण, पतला शरीर सदैव खद्दर पहनने वाले लिए बची। ऐसे व्यक्तित्व श्री सिंगल सा() धार्मिक नाटकों में विशेषकर मैना सुन्दरी रामचरण जैन कुलैथ का जन्म नाटक में मैना सुन्दरी का अभिनय अपने साथियों के 10 अक्टूबर 1913 को ग्राम विरोध के बाद भी किया करते थे। श्री माईदयाल जैन कुलैथ में एछिया परिवार में ने जैन सन्देश, अक्टू) 1971 में अपने संस्मरण में हुआ। आपके पिता जी का जो लिखा है, उसका सार यह है कि श्री सिंगल 1930 नाम श्री कल्याण प्रसाद एवं में गांधी जी की प्रेरणा से राष्ट्रीय युद्ध में एक सैनिक माता का नाम श्रीमती जावित्री के रूप में कूद पड़े, वे अहिंसात्मक आन्दोलन में + आन्दोलन न था। आपके पांच भाई और थे जो अल्प अवस्था में For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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