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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 2104 स्वतंत्रता संग्राम में जैन श्री मोतीलाल जैन पन्ना राज्य की डी0एफ0 ओ0 में 2 माह (20) -8-42 श्री मोतीलाल जैन, पुत्र-श्री टोडरमल का जन्म से 20-10-42 तक) रहे। परन्तु सजा नहीं दी गई।' 1912 में जबलपुर (म0प्र0) में हुआ। 1930 के नमक आ)-(1) स्व) पर) एवं प्रमाण पत्र। सत्याग्रह में आपने भाग लिया। 1932 के आन्दोलन सेठ श्री मोतीलाल जैन में जेल यात्रा की। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन हाडोती के सपूत श्री मोतीलाल जैन ने राष्ट्रीय में भूमिगत रहकर आन्दोलन को जागृत बनाये रखने स्वाधीनता आन्दोलन की ज्वाला में तन-मन-धन के लिए अन्य कार्यकर्ताओं से सम्पर्क स्थापित कर समर्पित कर देश की आजादी रा0आ0 में उल्लेखनीय योगदान आपने दिया। आप में अप्रतिम योगदान दिया है। कुल मिलाकर लगभग 2 वर्ष कारावास में रहे। श्री मोतीलाल जैन जिन्हें लोग श्री जैन राष्ट्रीय कार्यों में सदैव अग्रणी रहे थे। आदर से 'सेठ साहब' कहकर आ0-(1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-93 पुकारते हैं, का जन्म जोधपुर (2) स्व) स) ज), पृष्ठ-158 (राज0) के श्वेताम्बर जैन श्री मोतीलाल जैन परिवार में श्री जयचंद ___ कटनी, जिला- जबलपुर (म0प्र0) के लुणावत के यहाँ 5 दिसम्बर 1908 को हुआ। माता श्री मोतीलाल जैन, पुत्र-श्री राजवट को 1930 के का नाम राजबाई था। इनकी माता धर्मपरायण महिला जंगल सत्याग्रह में भाग लेने पर गिरफ्तार कर लिया · थीं, जिसका असर सेठ साहब पर पड़ा। श्री जैन गया और 4 माह 20 दिन के कारावास तथा 15 रु0 की प्रारम्भिक शिक्षा जोधपुर में हुयी और ग्यारह वर्ष के अर्थदण्ड की सजा दी गई। की अल्पायु में ही वे माँगरोल के सेठ धनराज वैद्य आ)-(1) म0प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृ()-93 के यहाँ गोद आये, जिनका मुख्य व्यवसाय लेन-देन का था। पं० मोतीलाल जैन शास्त्री श्री जैन की आगे की पढ़ाई माँगरोल में ही श्री पं0 मोतीलाल जैन शास्त्री का जन्म हयी। उन्होंने 1925 में एडवांस हिन्दी परीक्षा तथा |-1-1924 को ग्राम बगरोदा, तहसील- बंडा, जिला- 1935 में हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद से सागर (म0प्र0) में हुआ। विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की। आपके पिता का नाम श्री सेठ साहब को राजनीति में आने की प्रेरणा बट्टलाल जैन था। आपके सर्वप्रथम 1930 में महान् क्रान्तिकारी विजय सिंह सन्दर्भ में स्वाधीनता सेनानी 'पथिक' से मिली। श्री ऋषिदत्त मेहता व पण्डित और पूर्व लोकसभा सदस्य नयनराम शर्मा भी इनके राजनैतिक प्रेरणास्रोत रहे। श्री राम सहाय तिवारी ने 1938 में कोटा राज्य प्रजामण्डल के अध्यक्ष लिखा है कि 'इन्होंने छतरपुर पं0 नयनूराम ने इन्हें मण्डल का सदस्य मनोनीत कर न्ना राज्य में भूमिगत रहते हुए कार्य किया। दिया। 193) के मई माह में मांगरोल में प्रजामण्डल विशेषत: चिट्ठी-पत्री बांटने का काम ये करते रहे, के सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें आप अत: स्वतंत्रता सेनानी की कैटिगरी में आते हैं। ये स्वागताध्यक्ष थे। बाद में आप सैक्रेटरी चुने गये। इसी For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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