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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 266 स्वतंत्रता संग्राम में जैन सितम्बर को गिरफ्तार कर लिये गये। सागर व नागपुर श्री भैयालाल परवार की जेलों में आपने यातनाएं सहीं। 26 नवम्बर 1943 साहूकार परिवार में जन्मे श्री परवार ने स्वतंत्रता को आप जेल से मुक्त हुए। 1985 के आसपास आपका संग्राम के महायज्ञ में जो आहुति दी उसे भुलाया नहीं निधन हो गया। जा सकता। आपके पिता का नाम श्री मन्थूलाल आ)- (1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-51 परवार था। आप सैदपुर, जिला-ललितपुर (उ0प्र0) (2) जै) स() रा0 अ0, पृष्ठ-96 (3) श्री डालचंद जैन, पूर्व सांसद, के निवासी थे। 1947 में आपने 1 माह की सजा सागर द्वारा प्रेषित विवरण। तथा 100 रुपये का अर्थदण्ड भोगा था। श्री भैयालाल जैन 'नेताजी' आर)-(1) र) नी0, पृष्ठ-99 'नेताजी' उपनाम से विख्यात ग्राम-कटंगी, श्री भोलानाथ जैन तहसील-पाटन, जिला--जबलपुर (म0प्र0) के श्री गौरझामर, जिला-सागर (म0प्र0) के श्री भोलानाथ भैयालाल जैन, पुत्र-श्री मुन्नालाल जैन ने 5 बार जेल जैन, पुत्र-श्री राम रतन का जन्म 1909 में हुआ। यात्रायें की। 1930 में जंगल सत्याग्रह के दौरान आप 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में 6 माह का गीत गाते हये गिरफ्तार कर लिये गये और 4 माह कारावास एवं | माह नजरबन्दी की सजा आपने भोगी। की कैद तथा 50/- रु) अर्थदण्ड पाया। दण्ड जमा । आ)- (1) मर) प्र) स्व) सै), भाग-2, पृष्ठ-51 (2) आ) दी0, पृष्ठ-69 न करने पर डेढ़ माह की कैद और भुगतनी पड़ी। 1932 में आप ग्राम-ग्राम भ्रमण करते हुए श्री मंगलचंद जैन किसानों को लगान अदा न करने के लिए भड़काने नरसिंहपुर (म0प्र0) निवासी और नागपुर प्रवासी के आरोप में पकडे गये और 6 माह के सश्रम कारावास श्रा मगलचद जन, पुत्र-श्रा कन्हयालाल ने 1930 की सजा पाई। रेलवे सत्याग्रह (जबलपुर में) में चलती पिकेटिंग एवं सत्याग्रह किया तथा 17 अगस्त 1930 टेन की जंजीर खींचकर आपने उस पर तिरंगा झण्डा से 17 नवम्बर 1930 तक का कारावास भोगा। फहराकर ब्रिटिश साम्राज्य को चनौती दी और 15 दिन आ0-(1)-म0 प्रा) स्व) स0, भाग-1, पृष्ठ-151 की कैद पाई। 1941 में व्यक्तिगत आंदोलन के दौरान श्री मंगलचंद सिंघवी अंग्रेजी सरकार को उखाड़ फेंकने और द्वितीय विश्वयुद्ध गोटेगाँव, जिला-नरसिंहपुर (म0प्र0) के प्रसिद्ध में मदद न करने का प्रचार करने पर रीठी में गिरफ्तार शिक्षाविद् श्री मंगलचंद सिंघवी, पुत्र-श्री दयाचंद का कर लिये गये और तीन माह का कारावास पाया। 1942 जन्म 14-9-1890 ई0 को की जनक्रान्ति में अपने जत्थे के साथ पुलिस थाने पर डीडवाना, जिला नागौर झण्डा फहराने के प्रयास में 'नेताजी' पुनः गिरफ्तार (राजस्थान) में हुआ। बाद में कर लिये गये और केन्द्रीय कारागार जबलपुर में आप गोटेगाँव आकर बस 8 माह का बन्दी जीवन बिताया। जेल से छूटने के गये। 1928 में कांग्रेस द्वारा बाद भी आप सदैव राष्ट्रीय कार्यों में संलग्न रहे। घोषित दो दिन की हड़ताल में आ)- (1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-83 (2) आपने पूर्ण सहयोग दिया, स्व) स) पा), पृष्ठ-104 अतः तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर 'बोर्न' के हृदय में For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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