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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम खण्ड 209 श्री नेमीचंद जैन में आप जौरा, जिला-मोरेना (म0प्र0) में आ बसे। डिंडोरी, जिला-मण्डला (म0प्र0) के श्री नेमीचंद 1938 से आप रा0आ0 में सक्रिय हुए। 1942 के जैन का जन्म 1913 में हुआ। आपके पिता का नाम आन्दोलन में भूमिगत रहकर आपने आन्दोलन को श्री कन्हैया लाल जैन था। गति दी। आप उपमंत्री गांधी वाचनालय, मंत्री हाईस्कूल धार्मिक विचार और आचार शिक्षा समिति, जौरा, उपसंयोजक अ0 भा0 खेत आपको वंश परम्परा से मिले। मजदूर किसान परिषद्, व्यवस्थापक महात्मा गांधी प्राथमिक तक शिक्षा ग्रहण सेवाश्रम, जौरा आदि अनेक पदों पर रहे। 23 मार्च कर आप राष्ट्रीय आन्दोलन 1990 को आपका देहावसान हो गया। में कद पडे। 1942 के भारत आO-(1) श्री राम जीत जैन, एडवोकेट द्वारा प्रेषित परिचय एवं प्रमाण पत्र। छोड़ो आन्दोलन में आपने 9 माह की सजा तथा 200/- रु0 का अर्थ दण्ड श्री नेमीचंद जैन भोगा। डिन्डोरी के प्रसिद्ध स्वाधीनता सेनानी स्व0 जोतराज वसैया, जिला-आगरा (उ0प्र0) निवासी श्री दालचंद जैन, श्री प्रभाचंद उर्फ भदू भैया, श्री श्री बाबू नेमीचंद जैन, पुत्र-श्री जुगल किशोर जैन रघुनाथ वर्मन आदि आपके साथ जेल में थे। देश की धन के पक्के और कर्मठ कार्यकर्ता थे। 1930 से ही आजादी के बाद कृतज्ञ राष्ट्र ने जब स्वतंत्रता आपने राष्ट्रीय आन्दोलनों में भाग लेना प्रारम्भ कर सेनानियों को सम्मानित किया, तब आपका नाम दिया था, परिणामस्वरूप गिरफ्तार हुए और एक वर्ष अभिलेखों से गायब पाया गया। पुन:- पुन: अभिलेखों कारावास की सजा काटी। मंडल कांग्रेस कमेटी के के अन्वेषण से आपका नाम प्रकाश में आया। आप प्रमुख कार्यकर्ता थे। 1940 में आप नजरबंद आO-(1) म) प्र) स्व) सै0, भाग-1, पृष्ठ-209 (2) रहे। 1942 में भी कागारोल का डाक बंगला जलाने स्व) पा) (3) जै0 स0 रा0 आ) के जुर्म में आप 2 वर्ष नजरबंद रखे गये थे। इतने श्री नेमीचंद जैन पर भी पुलिस अपराध साबित नहीं कर सकी थी। छिन्दवाड़ा (म0प्र0) के श्री नेमीचंद जैन, आ0-(1) प0 इ0, पृष्ठ-139 (2) जै) सर) रा) अ) (3) उ0 प्र0 जै0 40, पृष्ठ-92 (4) श्री महावीर प्रसाद, अलवर पुत्र- श्री खुशालचंद ने 1923 के 'झण्डा सत्याग्रह' में द्वारा प्रेषित परिचय। (5) गो) 0 प्र0, पृष्ठ-202 भाग लिया फलस्वरूप इन्हें जबलपुर में 3 माह का सश्रम कारावास दिया गया। श्री नेमीचंद जैन आ0-(1) म0 प्र0 स्व० सै0, भाग-1, पृष्ठ-100 वारासिवनी, जिला-बालाघाट (म0प्र0) के श्री (2) आन्दोलन में छिन्दवाडा जिले का योगदान, (टंकित शोध नेमीचंद जैन, पत्र-श्री डालचंद 1932 के 'सविनय --प्रबन्ध), पृष्ठ-300 अवज्ञा आन्दोलन' में जबलपुर में गिरफ्तार हुए तथा श्री नेमीचंद जैन लगभग साढे सात माह कारावास की सजा आपने भोगी। व्यवसाय से होम्योपैथिक चिकित्सक एवं नगर आ()-(1) म) प्र) स्व) ), भाग-1, पृष्ठ-182 कांग्रेस अध्यक्ष आदि अनेक पदों पर रहे श्री नेमीचंद सिंघई नेमीचंद जैन जैन, पुत्र श्री जमुना प्रसाद जैन का जन्म 1925 में जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष तथा लोकल कुरीचित्तरपुर, जिला- आगरा (उ0प्र0) में हुआ, बाद बोर्ड के चेयरमैन रहे सिंघई नमीचंद जैन, पुत्र-श्री For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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