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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम खण्ड 197 उससे सम्बद्ध हो गये। 1939 के प्रजामण्डल आन्दोलन श्री नन्हेलाल जैन में वे सक्रिय रहे, अनेक बार गिरफ्तार हुए (पर श्री नन्हे लाल, पुत्रा-- श्री कुन्दन लाल अपराध प्रमाणित न हो पाने के कारण) और छोड़ ग्राम-कर्रापुर, जिला-सागर (म0प्र0) के निवासी थे। दिये गये। ऐसी अवस्था में उन्हें बौखलायी पुलिस आपने 1942 के आन्दोलन में थाना जलाया, फलतः की अमानुषिक क्रूरताओं का शिकार होना पड़ता था। लगभग 15 माह का कारावास आपको भोगना पड़ा पुलिस उन्हें बिना अपराध के ही 1-2 दिनों तक आ0-(1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-2, पृष्ठ-34 कोतवाली में रखती थी। (2) प0 जै0 इ0, पृष्ठ-526 (3) आO दी0, पृष्ठ-52 आ0-(1) रा0 स्व0 से), पृष्ठ-216 श्री नन्हेलाल जैन श्री नन्दलाल पारख सागर (म0प्र0) के श्री नन्हेलाल जैन, पुत्र-श्री आजादी के दीवाने श्री नंदलाल पारख का जन्म राजस्थान में हुआ। आप बचपन से ही भारत मां को परमानन्द ने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग अंग्रेजों की पराधीनता से मुक्त कराने की सोचा करते लिया, फलत: 10 अक्टूबर 1942 से 9 अप्रैल 1943 थे। 1942 में जब पारख जी 12 वीं कक्षा के छात्र तक का कारावास भोगा। आ)-(1) म0 प्र0 स्व० सै0, भाग-2, पृप्ट 34 (2) थ तब भारत छोड़ा आन्दालन' म छात्रा का नतृत्व प0 जै0 इ0, पृष्ठ-527 (3) आ0 दो0, पृष्ठ-87 करते हुये अन्य छात्रों एवं प्रजामंडल नेताओं के साथ 16 सितम्बर 1942 को 'भारत सुरक्षा अधिनियम' के श्री नन्हेलाल जैन अन्तर्गत गिरफ्तार करके नजरबंद कर दिये गये। जहां कटंगी, तहसील- पाटन, जिला- जबलपुर से ये सबके साथ 5 नवंबर 1942 को रिहा किये गये। (म0प्र0) के श्री नन्हेलाल जैन, पुत्र-श्री भदईलाल रिहाई के बाद भी आप स्वाधीनता संग्राम से जुड़े रहे। जैन का जन्म पाटन में हुआ। 1942 के अगस्त क्रान्ति बी0 ए0 एल0 एल0 बी0 पास करके पारख जी ने आन्दोलन में आप 'आजादी के मतवाले' दल में शामिल वकालत शुरू कर दी। करीब 50 वर्ष की अवस्था हो गये और पुलिस थाने पर ही राष्ट्रीय ध्वज फहराने में इनका देहावसान हो गया। इनकी पत्नी श्रीमती चल पड़े, फलत: गिरफ्तार कर लिये गये और केंद्रीय प्रेमबाई को 'राजस्थान सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कारागार जबलपुर में 11 माह का बन्दी जीवन बिताया। सम्मान पेंशन' प्राप्त हो रही है। रोगग्रस्त हो जाने पर कुछ समय बाद ही आपका निध आ0-(1) श्री बागमल बाठिया, कोटा द्वारा प्रेषित परिचय न हो गया। आपको शहीद कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। श्रीमती नन्हीबाई जैन आ0-(1) म0 प्र0 स्व) सै), भाग-1, पृष्ठ--63 देश की आजादी के लिए चलाये गये आन्दोलन (2) स्वा0 आ0 पा0, पृष्ठ-118 में जबलपुर (म0प्र0) से महिलायें भी पीछे नहीं रहीं। ग्राम-लथकाना (सिहोरा), जिला-जबलपर श्री नन्हेलाल बुखारिया (म0प्र0) की श्रीमती नन्हीबाई जैन ने 1942 के बीना (सागर) म0प्र0 के श्री नन्हेलाल बुखारिया भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया तथा 8 माह 18 की बचपन से ही देश सेवा में रुचि रही। अनेक दिन जबलपुर जेल में गुजारे। वर्षों तक बीना नगर में गांधी जी द्वारा चलाये गये ___ आO-(1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-63 सत्याग्रह व असहयोग आन्दोलन में आपने सक्रिय For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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