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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम खण्ड 157 बमनपुरा ग्राम में 1913 में रहे हैं। शासन आपको क्रान्तिकारी मानता था। आप हुआ। आपकी रुचि सक्रिय सर्वोदय कार्यकर्ता के रूप में भी विख्यात हैं। देश-सेवा एवं सामाजिक आ0- (1) प0 50, पृ0-141, (2) जै0 स) रा) अ), कार्यों में बचपन से ही रही ही (3) उ0 प्र0 जै) ध0, पृ0-90, (4) श्री महावीर प्रसराद जी ) 30 अलवर द्वारा प्रेषित परिचय, (5) गो0 अ0 ग्र0, पृ0 220 221 अत: आप घूम-घूमकर देश को स्वतंत्र कराने की भावना श्री चिरंजीलाल वैद्य लोगों में जागृत करते रहे। श्री चिरंजीलाल जैन का जन्म 1917 में सोलह वर्ष की उम्र में ही आप भारतीय अधिनियम ग्राम-पारना (बाह), जिला-आगरा (उ0प्र0) में हुआ। की धारा 379 आई0पी0सी0 के अन्तर्गत दिनाक बाह में विद्याध्ययन के समय आप रा0 आ0 में कद 4-9-1930 से 3-1-1931 तक केन्द्रीय जेल पडे। 1932 एवं 1942 के आन्दोलनों में आपने जबलपर में रहे। जल से छूटने क पश्चात् आपका सक्रिय भाग लिया था। 18 मार्च 1941 को आप बाह सम्पूर्ण जीवन कटई (दमोह) में बीता। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये और अक्टूबर में आ() (1) म) प्र) स्व) सै), भाग-1, पृष्ठ-47 तथा रिहा हुए। आप अपने निजी प्रेस 'कल्याण प्रिटिंग' (2) म0 प्र0 स्व) सै), भाग-2, पृष्ठ-82, (3) श्री यशवंत शास्त्री, दमोह द्वारा प्रेषित परिचय। का संचालन भी करते थे, जिसमें शासन के विरुद्ध पर्चे आदि छापते थे। पता लगने पर प्रेस बन्द हो श्री चिन्तामन जैन गया। 1942 के आन्दोलन में आप भूमिगत रहकर आजादी के दीवाने श्री चिन्तामन जैन का जन्म कार्य करते रहे। उन दिनों आप भिण्ड, मुरैना ग्वालियर, टड़ा (सागर) म0प्र0 में हुआ। आपके पिता का नाम मन्दसौर आदि स्थानों पर रहे। उसी समय आप पूज्य श्री लालचंद जैन था। लगभग 75 वर्ष की उम्र में बापू के सम्पर्क में आये और वर्धा में उनके सान्निध्य आपका निधन 1992 में हुआ। आप 30 वर्ष सागर में में रहकर देशसेवा, राजनीति और समाजसेवा का व्रत रहे। पुलिस चौकी में झंडा लगाने पर आपको लिया। व्यवसाय से वैद्य होने के कारण आप भदावर गिरफ्तार कर लिया गया अत: 18 सितम्बर 1942 से क्षेत्र में काफी लोकप्रिय नेता हैं। धार्मिक सेवा में 8 अक्टूबर 1942 तक जेल की दारुण यातनायें आपका सहयोग अग्रगण्य है। आपने स्कूल और आपको भोगनी पडी। धर्मशालायें प्रारम्भ कराई हैं जो आज फल-फूल रही ___आ)- (1) सागर जिले के स्व) सेनानी-सूची, (2) श्री हैं। जिनमें भदावर (डिग्री) कालेज प्रमुख हैं। मुलायम चंद जैन टड़ा द्वारा प्रदत्त परिचय आ) (1) श्री रामजीत जैन एडवोकेट द्वारा प्रेषित परिचय, (2) 30 प्र) जै0 ध0, पृ0-92, (3) ल) जै।) इति0, (4) गो) बाबू चिम्मनलाल जैन 'नेताजी' अ0 ग्र), पृ-221 'नेताजी' उपनाम से ख्यात, आगरा (उ0प्र0) निवासी बाबू चिम्मनलाल जैन, पुत्र- श्री गोपीचंद जैन श्री चुन्नालाल जैन को 1942 के आन्दोलन में ध्वंसात्मक कार्य करने के चरथावल, जिला-मुजफ्फरनगर (उ0प्र0) के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। किन्तु जब श्री चुन्नालाल जैन का जन्म 1908 ई0 के लगभग अपराध साबित नहीं हो सका तो नजर बंद कर दिया हुआ। 1942 के आन्दोलन में 'अंग्रेजो भारत गया। आप वार्ड कांग्रेस कमेटी के उत्साही कार्यकर्ता छोड़ो' का नारा बुलन्द करने के कारण लम्बे समय For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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