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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम खण्ड 143 (म0प्र0) में हुआ। आपके अपनी विनम्रता, ईमानदारी और राष्ट्रीय भावना के पिता का नाम श्री सुन्दरलाल लिए भी दूर-दूर तक विख्यात थे। 1941 के आन्दोलन जैन था, जो अत्यन्त निर्धन में आपको नजरबन्द कर लिया गया था। थे। फलतः जगाती जी की 1941 में जब जनता से जबरन बारफण्ड वसूल शिक्षा अत्यल्प, कक्षा 4 तक किया जा रहा था। तब आप नगर की चुंगी विभाग के ही हो सकी। 1941 से ही चेयरमैन थे। अंग्रेजी शासन ने स्थानीय चुंगी --- आप रचनात्मक कार्यों में (नगरपालिका) में एतद् विषयक प्रस्ताव पारित कराने संलग्न हो गये। पूज्य बापू के करो या मरो के पर जोर डाला। चेयरमैन गुलझारीलाल तथा अगस्त 42 के आन्दोलन में आपने बढ़-चढ़कर पं0 श्यामलाल व लाला टुण्डामल जी ने प्रस्ताव हिस्सा लिया, जगह-जगह भाषणबाजी के कारण पारित नहीं होने दिया, फलतः तीनों को गिरफ्तार आप 'नेताजी' कहे जाने लगे, गिरफ्तार हुए और 9 करके जेल में भेज दिया गया। वैद्य जी एक माह माह की कड़ी जेल- यातना भुगती। जेल से आने के कारावास में रहे। बाद भी आप अपनी ओजस्वी वाणी से स्वतंत्रता का आ)- (1) जै0 स0, रा0 अ0 (2) उ0 प्र0 जै0, 20, प्रचार करते रहे व आजादी के दीवानों को उद्वलित प0-90 (3) अमृत, पृष्ठ 24, (4) प) इ0, पृ0-140 करते रहे। देश की आजादी के बाद स्वाधीनता सेनानियों श्री गुलाबचंद कासलीवाल का सम्मान, देर से ही सही, हुआ। 'नेताजी' को 1956 से 1972 तक राजस्थान सरकार के माननीय सेठ गोविन्ददास जी, सांसद (जबलपुर) ने एडवोकेट जनरल तथा राजस्थान विधानसभा के सदस्य ताम्रपत्र प्रदान कर सम्मानित किया। रहे श्री गुलाबचंद कासलीवाल, पुत्र- श्री पूर्णचन्द्र आ0 (1) म) प्र0 स्व0 सै0, भाग-2, पृ0-19 कासलीवाल का जन्म 16 जौलाई 1909 को जयपुर (2) स्व) पा (राजस्थान) में हुआ। आपने लखनऊ विश्वविद्यालय __श्री गुलजारीलाल जैन से एम0ए0, एल0एल0बी0 की परीक्षाएं उत्तीर्ण की ग्राम सिरोहा, जिला-सागर (म0प्र0) के श्री और 1932 में जयपुर में वकालत प्रारंभ की। 1934 गुलजारीलाल जैन, पत्र- श्री दरियावप्रसाद ने 1942 से 1936 तक आपने हरिजन बस्तियों में शिक्षा-प्रसार के भारत छोड़ो आन्दोलन में 6 माह का कारावास भोगा। व समाज सुधार का कार्य किया। आ) (1) म) प्र.) स्व० सै0, भाग-2, पृ0-19 10 फरवरी 1939 की रात्री को जब पंडित (2) आ() दी0, पृ0-39 हीरालाल शास्त्री के निवास स्थान पर 'जयपुर राज्य प्रजामंडल' की कार्यकारिणी के समस्त सदस्यों को वैद्य गुलझारीलाल जैन गिरफ्तार किया गया उस समय पुलिस के घेरे के बीच फिरोजाबाद म्यूनिसिपल बोर्ड के चेयरमैन रहे। श्री वैद्य गुलझारीलाल, फिरोजाबाद (उ0प्र0) के से प्रजामंडल के तमाम गुप्त कागजात लेकर आप प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से थे। आप वैद्य नौबतराम निकल गये थे। प्रजामंडल की कार्यकारिणी ने सत्याग्रह गलझारीलाल के नाम से विख्यात थे। वैद्य जी संचालन की जिम्मेदारी श्री कासलीवाल को सौंपी। For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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