SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 209
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 140 .स्वतंत्रता संग्राम में जैन श्री खूबचंद बैसाखिया श्री खेमचंद जैन रहली, जिला-सागर (म0प्र0) निवासी श्री पिण्डरई, जिला- मण्डला (म0प्र0) के खूबचंद बैसाखिया, पुत्र-श्री भोलानाथ बैसाखिया ने श्री खेमचंद जैन, पुत्र-श्री मुन्नालाल का जीवन आजादी 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया व 9 का अलख जगाते बीता। हर समय- हर काम को तैयार माह का कारावास भोगा। आपका निधन 1964 में हो गया। खेमचंद जी सदैव रचनात्मक कार्यों से जुड़े रहे। 1942 आ०-(1) म0 प्र0 स्व) सै0, भाग-2, पृ0-16 के भारत छोड़ो आन्दोलन में आपने खुलकर भाग लिया, (2) आ0 दी0, पृ0-36 तोड़-फोड़ की, गिरफ्तार हुए और 2 वर्ष 6 माह की श्री खेमचंद जैन कठोर कैद तथा 100/- रु0 का अर्थदण्ड आपको भोगना पड़ा। जेल में भी कठोर से कठोर यातनायें बलेह, जिला-सागर (मध्यप्रदेश) के श्री खेमचंद आपको दी जाती रहीं पर आप झुके नहीं। जैन, पुत्र-श्री कोमलचंद जैन का जन्म 10 फरवरी आ0-(1) मर) प्र0 स्व0 सै0, भाग-1. पृ0-205 (2) जै0 1928 ई0 को हुआ। आपने स0 रा0 अ01 बताया कि 'मेरे पिता बलेह के कर्मठ कार्यकर्ता थे, 1929 श्री खेमचंद जैन 'स्वदेशी' एवं 33 में उन्होंने विदेशी पिता की स्वदेशी भावना के कारण जिनका | वस्त्रों की होली जलाई थी, वंश ही स्वदेशी कहलाने लगा, ऐसे श्री खेमचंद गांधी जी के दमोह आगमन स्वदेशी, पुत्र श्री मोहनलाल पर उनके साथ रहे थे व स्वदेशी का जन्म 6-8-1923 चरखा आश्रम खोला था। उन्हीं से विरासत में मुझे को तेंदूखेड़ा, जिला नरसिंहपुर स्वाधीनता की भावना मिली। 1939 का त्रिपुरी (म0प्र0) में हुआ, आप अधिवेशन मुझे देखने को मिला था, 1942 के त्रिपुरी कांग्रेस के अधिवेशन आन्दोलन में मुझे अपने 35 साथियों के साथ से स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय गिरफ्तार कर लिया गया। मैंने 23 सितम्बर से 15 हो गये थे। राष्ट्रीय सत्याग्रह अक्टूबर 42 तक का कारावास तथा 75/- का के लिये आपने जनमत तैयार किया। अपनी गिरफ्तारी अर्थदण्ड भोगा था। जेल में बडी अमानषिक यातनायें के सन्दर्भ में आपने लिखा है कि- '1942 ई0 में दी जाती थीं। सबसे विचित्र वहां शौच क्रिया का मैंने जंगल सत्याग्रह में भाग लिया। वन विभाग एवं जाना था। हमें 12-12 लोगों को हथकड़ी पहनाकर पुलिस द्वारा गिरफ्तार हुआ, पुलिस हथकड़ी डालकर शौच क्रिया हेतु हवालात से बाहर ले जाया जाता था। ग्राम-सहजपुर से बरसात में ही पुलिस थाना केसली बाद में सागर के कलेक्टर से शिकायत करने पर ले गई। केसली से 60 किमी0 पदयात्रा कर तहसील हथकडी खोलने की अनुमति मिली थी।' श्री जैन रहली, जिला-सागर लाया गया और रहली अदालत म0प्र0 स्वतंत्रता सेनानी संघ, के सम्भागीय मंत्री व ने मुझे 4 माह की कड़ी कैद की सजा तथा जिला स्वतंत्रता सेनानी संघ, दमोह के कोषाध्यक्ष हैं। 10/- रु0 अर्थदण्ड दिया। सागर जेल में कठोर - आ)- (1) म0 प्र0 स्व) सै), भाग-2, 90-16 (2) स्व) यातनायें हँसते-हँसते झेली, पुलिस की मार से सिर 10 व अनेक चित्र। फूट गया था, उस समय मेरी आयु 18 वर्ष की थी। For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy