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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir समयार्थबोधिनी टीका द्वि. भु. अ. ६ आर्द्रकमुनेगोशालकस्य संवादनि० ५७ च्चारणादयस्तद्विवर्जकस्य 'भासाय णिसेवगस्स गुणे य' भाषाया निषेत्रकस्य गुणश्च, तथा भाषाया ये गुणा:-हित्तमितदेशकालानुरूपाऽसंदिग्धभाषणादय स्तन्नि षेत्रकस्य-ब्रुवतो नास्ति दोषः, छद्मस्थस्य वाहुल्येन मौनव्रतमेव श्रेयः, समुत्पन्न केवलज्ञानस्य भाषणमपि गुणायैवेति भावः ॥५॥ मूलम्-महवए पंच अणुव्वए य तहेव पंचासवसंवरे य । विरति इंह सामणियमि पुन्ने लत्रावसकी समणे तिमि ॥६॥ छाया- शहावतान् पश्चाणुवांश्च तथैः पञ्चास्वसंवरांश्च । विरतिमिह श्रामण्ये पूर्ण लपाववष्की श्रमण इति ब्रवीमि ॥६॥ . कर्कशतो (कठोरपना) होना, असभ्य (अशीष्ट) शब्दों का उच्चारण करना इत्यादि, भाषा के दोष हैं। भगवान हन सय दोषों से रहित हैं। वे भाषा के गुणों का सेवन करते हैं अर्थात् हित, मित, देशकाल के अनुरूप, असंदिग्ध वाणी बोलते हैं। इस कारण उन्हें दोष कैसे हो सकता है! छनस्थ अवस्था में मौन श्रेयस्कर है किन्तु केवलज्ञान उत्पन्न होने पर भाषण करना ही गुणकारी है ॥५॥ 'महब्धए पंच अणुव्वए य' इत्यादि। शब्दार्थ--'आई कमुनि गोशालकसे कहते हैं-हे गोशालक । भगवान् महावीर 'लवावसक्की-लवाववष्को' घातिक कर्म से दूर हो गई हैं। 'समणे-श्रमणः' तपश्चरणशील संयम में वर्तमान साधुओं के लिए 'पंच महन्धए-पञ्चमहाव्रतान्' प्राणातिपात विरमण आदि पांच महाઅસ (અશીષ્ટ) શબ્દનું ઉચ્ચારણ કરવું. વિગેરે ભાષાના દે છે. ભગવાન આ બધા દે વિનાના છે. તેઓ ભાષાના ગુણનું સેવન કરે છે. અર્થાત હિત, મિત, અને દેશકાળને અનુરૂપ, અસંદિગ્ધ વાણી બોલે છે. આ કાફે તેઓને દોષ કેવી રીતે હોઈ શકે છે? છદ્મસ્થ અવસ્થામાં મૌન ધારણ કરી એજ શ્રેયસ્કર છે. પરંતુ કેવળજ્ઞાન ઉત્પન્ન થાય ત્યારે ભાષણ કરી એજ ગુણ કારક છે. ગા૦૫ 'महव्ययं पंच अणुव्वए य' त्यादि सन्हा- शाas ! भावान् महावीर 'लवावसको-लवावष्वकी' पातियाथी छूटी गयेा छ, 'समणे-भ्रमणः' तपश्चरgle मधुमाने आरे 'पंचमहब्बए-पञ्चमहाप्रतान्' प्रायातिपात विRHI GR in Hindi सू० ७३ For Private And Personal Use Only
SR No.020781
Book TitleSutrakritanga Sutram Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherJain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages797
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sutrakritang
File Size15 MB
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