SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 561
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir समयार्थ बोधिनी टीका प्र. श्रु. अ. २ उ. २ स्वपुत्रेभ्यः भगवदादिनाथोपदेशः ५४३ कं वस्तुविशेषमालंन्य साधुना संयमानुष्ठान विधेयमित्यतआह –'दूरं' इत्यादि । १२ दूरं अणुपस्सियया मुणी तीतं धम्ममणोगयं तहा। ૧૦ ૯ ૨ ૧૧ पुढे परुसेहिं माहणे अवि हष्णू समयंमि रीयइ ॥ ५॥ छाया दरमनुदृश्य मुनिरतीतं धर्ममनागतं तथा। स्पृष्टः पुरुषैर्माहनः अपि हन्यमानः समये रीयते ॥५॥ किस वस्तुविशेष का अवलम्बन करके साधु को संयम का अनुष्ठान करना चाहिए, सो कहते हैं-"दुरं" इत्यादि १. शब्दार्थ-'मुणी-मुनिः" तीनों कालको जानने वाला मुनि 'माहणे-माहनः' कोई भी जीवको मत मारो मत मारो ऐसा उपदेशक 'दरम्-दूरम्' दूर होने से मोक्षको 'तहा-तथा' तथा 'तीतं-अतीतम् वीता हुवा तथा 'अणागयंअनागतम्' अनागत अर्थात् भविष्य काल में भी 'धम्म-धर्मम्' जीवों के स्वभाव को 'अणुपस्सिया-अनुपश्य' देख कर पुरुसेहि-पुरुषैः' कठिन वाक्य अथवा लकडी आदिसे 'पुढे-स्पृष्टः' ताडित किया जाने पर भी 'अविहण्णू-- अपि हन्यमानः' हनन किये जाने पर भी 'समयंमि-समये' संयम में ही 'रीयइ-रीयते' जिनोक्त मार्गसे ही चलें ॥५॥ ............. ... .......... ................ ..- હવે સૂત્રકાર એ વાત પ્રકટ કરે છે કે કઈ વસ્તુ વિશેષનું અવલંબન લઈને સાધુએ સંયમની આરાધના કરવી જોઈએ. “દૂર ઇત્યાદિ शहाथ 'मुणी-मुनिः' ये अपने वादा मुनि 'माहणे-माहनः' ५५ पने ना मा। ना मा यो उपहेश, दूर-दूरम्' र खोपायी भाक्षने 'तहा-तथा' तथा 'तीत-अतीतम्' वाती गये तथा 'अणागय-अनागतम्' मनात अर्थात् भविष्य मा ५९] 'धम्म-धर्मम्' योना स्वमापने 'अणुपस्सिया-अनुपश्यन ने 'पुरुसेहिपुरुषैः ४४९ वाध्य अथवा नाडी वगेरेथा पुट्ठो-स्पृष्टः' allsत ४२ डावा छतां ५ 'अविहणू-अपिहन्यमानः' हुनन ४२वामा म त ५५ 'समय मि-समये सयम मा ४ 'रीय-रीयते नात भागथी यारी ॥५॥ For Private And Personal Use Only
SR No.020778
Book TitleSutrakritanga Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherJain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages709
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sutrakritang
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy