________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org मुणीणं ससमयविहिणा सारणाई करितो। सूरीसो चित्तवेगो समणपेरिखुडो देसयंतो जणाण, धम्मं तित्थेसरुत्तं विहरइ वसुई संजमुज्जोयजुत्तो॥२४८॥ साहुधणेसरविरइयसुबोहगाहासमूहरम्माए / रागम्गिदोसविसहरपसमणजलमंतभूयाए // 249 // एसोवि हु खयराहिवचारित्तासेवणो परिसमत्तो। सुरसुंदरीकहाए पन्नरसो इह परिच्छेओ // 250 // // पण्णरहमो परिच्छेओ समत्तो। सोलहमो परिच्छेओ। राया वि मयरकेऊ परिणित्ता खयरदिनकनाओ। दाऊण नहयराणं जहोचियं गामनगराई // 1 // आणानिद्देसकरे काउमसेस| दुभरहरायाणो / नीसेसदेसविर्सरं विहाय गयडमरचोरभयं // 2 // उत्तुंगधवलमणहरचेइयभवणेहिं मंडियं काउं / आरियदेससमुन्भव| गामागरनगरसंदोहं // 3 // करभरसुंकविमुकं सावयविसरं करित्तु नीसेसं / उच्छाइत्ता सव्वे जिणसासणसंघपडिणीए // 4 // अक्खलियं च विहारं वियरित्ता मुणिजणस्स देसेसु / साहम्मियवच्छल्ले नियसामंते निओइत्ता / / 5 / / काउं सत्तागाराई विवहरूवाई ठाणठाणेसु / दिज्जतजंतुपत्थियसमत्थवरवत्थुसत्थाई // 6 // पालेइ रज्जमणवज्जकज्जपैयपालणिकवावारं / कयदुद्द्धट्ठउल्लुंठवंठेकय. स्मारणादीन् / 2 परिवुो परिवतः / 3 परिसमाप्तः / 4 बिसरः-समूहः / 5 उच्छाद्य-उन्मूल्य / 6 पडिणीओ प्रत्पनीकः शत्रुः / 7 अस्खलितम् / 18 सावर्मिकवात्सल्ये। 9 नियोज्य / 1. सत्रागरम्दानगृहम् / 11 पयपालणं प्रजापालनम् / 12 धट्टो-पः / 13 वंठो मृत्यः। For Private and Personal Use Only