________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पुट्ठा वयंसि ! कोऊहलेण गरुएण / साहेमि तेण निसुणसु एगमणा वञ्जरिजतं // 17 // ___अस्थि पुहईपयासं निरग्गलोदग्गवग्गिरतुरंग / वग्गिरंतुरंगखरखुरुक्खयखेहाइनरिक्खपहं // 171 // रिक्खपहपवणकपिरधयव-10 | डरेहंतभूरिसाणूरं / साणूरगहिरवजिरतूररवुप्फुण्णदिसिचकं / / 172 / / दिसिचक्कगेयसत्थाहस थकिअंतवैजवाणिज / वाणिज्जकलापत्तट्ट. लढवाणियगरमणीयं // 173 / / रमणीयणवरवज्जिरनेउरझंकाररुद्धसुइविवरं / विवरीयरयवियक्खणविलासिणीलोयपडिपुन्नं // 174 / / पुन्नुकडजणवासं इब्भसहस्सोवसोहियं विउलं। विउलरसायलपरिगयपरिहापायारसोहिल्लं / / 175 / / सोहिल्लतियचउकं उक्कडदप्पिट्ठजोहसयकलियं / नामेण कुसग्गपुरं नयरं दियलोयसारिच्छं // 176 / / षड्भिः कुलकम् / / अकंतगुरुपरकमअचंतुकडपयावपडिवक्खो। तत्थस्थि सुविक्खाओ राया नरवाहणो नाम // 177 / / तस्स य रनो मित्तो कुमारभावम्मि कहवि संजाओ। वेयडकुंजरावत्तचित्तभा. गुस्स अंगरुहो // 178 // नामेण भाणुवेगो तेण य पीईथिरत्तणनिमित्तं / दिना नियया भगिणी रयणवई नाम एयस्स // 179 / / सयलंतेउरपवरा जाया सा तस्स हिययवल्लहिया / तीइ सह विसयसोक्ख अणुहवमाणस्स कालेणं // 180 // युग्मम् / / एक्कच्चिय धूया हं जाया जम्मम्मि मज्झ तारण / सुयजम्मणअब्भहिओ नयरम्मि महोच्छवो विहिओ॥१८१।। सुरसुंदरिसमरूवा एसा इह चितिऊण ताएण / सुरसुंदरित्ति नामं पइट्ठियं उचियसमयम्मि।।१८२॥ कमसो पवड्डमाणा कुमारभावम्मि जुबइजोग्गाओ। गोहाविया कलाओ जाया य कमेण तक्कुसला // 183 // वग्गिरो-वेगवान् / 2 उक्खयं-उत्खातम् / 3 ऋक्षपथः आकाशम् / 4 साणूर-देवगृहम / 5 उप्फुण्ण पूर्णम् / 6 सत्थाहो सार्थवाहः . सत्थो | सार्थः समूहः / 8 वम् श्रेष्ठम् / 9 पुण्यमुत्कर्ट प्रबलं येषा तेषां जनानां वासो यत्र तत् / 10 इभ्यः=श्रेष्ठी। 11 गाहाविया-प्राहिता / For Private and Personal Use Only