________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
सुलसा०
॥१९२॥
00000000
www.kobatirth.org
सुलसाचरितम्
*
मूलसंस्कृत पद्यात्मक
तेनुं मूल अने अन्वयांक साथे गुजराती भाषामां शास्त्री हरिशंकर कालिदास पासे भाषांतर करावी
छपावी प्रसिद्ध करनार श्रीजैन विद्याशाला डोशीवाडानी पोळ, अमदावाद.
मुंबई निर्णयसागर प्रेस,
सने १८९९ संवत् १९११, किम्मत १ रुपियो.
प्रसिद्धकतीए आ प्रधने छापवा छपाववा संबंधी सर्व प्रकारना हक
पोताने स्वाधीन राख्यो हे
For Private and Personal Use Only
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सर्ग मो.
॥१२२॥