________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अमदावादनी औजैनग्रन्थप्रकाशकसभाई पुस्तक प्रसिद्धिखातुं. संबोधप्रकरण ? ? विशेष अमारी सभा तरफथी हालमा जैनग्रन्थो बहार पाडवा कार्य शरु करवामां आवेल छे. ते पैकी हालमां "संबोधप्रकरण" नामनो ग्रन्थ तैयार छे, आ ग्रन्थ 1444 ग्रन्थना का श्रीमान् हरिभद्रमरिमहाराजे मागधीभाषामां गाथावद्ध लगभग बे हजार श्लोकना प्रमाणमां रचेलो छे. आ ग्रन्थमां साधुधर्मनो अधिकार तेम श्रावकधर्मनो अधिकार विगेरे घणाज उपयोगी विषयो दाखल कर्क छे. छपाइ तैयार भयेल छे. जेन तत्त्वपरीक्षा. आ न्यायनो ग्रन्थ परमपूज्य परमोपकारी प्रातःस्मरणीय आचार्य महाराजजी साहेब श्रीमान् विजयनेमिसूरीश्वरजी महाराजजीना विद्वद्वर शिष्य श्रीमान् अनुयोगाचार्य पन्यासजी श्रीउदयविजयजी गणीजी महाराजे संस्कृतभाषामां लगभग 800 श्लोकना प्रमाणमां रचेलो छे, जेमां शब्दनी पोद्गलिकत्वसिद्धि तथा श्रोत्रनी पाप्यकारितासिद्धि निगरे उत्तमविषयो घणी सारीरीते निरूपण कयों छे. अन्य मळवावें स्थान जैन ग्रन्थप्रकाशक सभा. जैनग्रन्थप्रकाशकसभा. चीकांटा शेठ जेसींगभाइमी वाडी) अमदावाद For Private And Personal Use Only