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बीस्थानाङ्गपत्र सानुवाद
४ स्थानकाभ्ययने उद्देश उदकोदधिसमपुरुषाः सू०३५८
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तुच्छ हृदयवाळो छे ४ अने कोईक बाह्य चेष्टाथी गंभीर अने गंभीर हृदयवाळो छ (२) चार प्रकारना उदक कहेला छे, ते
आ प्रमाणे-१ कोईक पाणी उत्तान-छीछरुं छे अने छीछरा जेवू देखाय छे, २ कोईक छीछरुं छे पण सांकडा स्थानविशेषथी ऊंडं देखाय छे, ३ कोईक अगाध पाणी छे पण विस्तारवाळा स्थानने लईने छीछरा जेवू देखाय छे अने ४ कोईक पाणी अगाध छे अने अगाध(गंभीर) देखाय छे. (३) आ दृष्टांते चार प्रकारना पुरुषो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-१ कोईक पुरुष प्रकृतिथी तुच्छ छे अने तुच्छ जेवो देखाय छे, २ कोईक प्रकृतिथी तुच्छ छे पण बाह्यवृत्तिथी गंभीर जेवो देखाय छे, ३ कोईक प्रकृतिथी गंभीर छे पण कारणवशात् तुच्छ जेवो देखाय छे अने ४ कोईक प्रकृतिथी गंभीर छे अने गंभीर जेवो देखाय | छे. (४) चार प्रकारना समुद्रो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-१ कोईक समुद्र एक देश-विभागमा प्रथम पण तुच्छ छे अने पछी पण तुच्छ छे, २ कोईक समुद्र एक विभागमा प्रथम तुच्छ छे पण पछी बेल-भरती आववाथी गंभीर छे, ३ कोईक समुद्र एक विभागमा प्रथम गंभीर छ पण पछी ओट थवाथी तुच्छ छे अने ४ कोईक समुद्र प्रथम अने पछी पण गंभीर छे. (५) आ दृष्टांत चार प्रकारना पुरुषो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-१ कोईक पुरुष प्रथम पण तुच्छ अने पछी पण तुच्छ छे, २ कोईक प्रथम तुच्छ पण पछीथी गंभीर छ, ३ कोईक प्रथम गंभीर पण पछीथी तुच्छ छे अने ४ कोईक प्रथम गंभीर अने पछीथी पण गंभीर छे. (६) चार प्रकारना समुद्रो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-१ कोईक समुद्र तुच्छ छे अने तुच्छ जेवो देखाय छे, २ कोईक तुच्छ छे पण गंभीर जेबो देखाय छे, ३ कोईक गंभीर छ पण तुच्छ जेवो देखाय छे अने ४ कोईक समुद्र गंभीर छे अने गंभीर जेबो देखाय छे. (७) आ दृष्टांत चार प्रकारना पुरुषो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-कोईक पुरुष प्रकृतिथी
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