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भीस्थानाङ्कपत्र सानुवाद ॥४५५॥
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एक पुरुष धनादिवडे युक्त छ पण सुंदर आकृतिवाको नथी. ३ कोईक धनादिवडे अयुक्त छ पण सुंदर आकुतिवाळो छ |x
४ स्थानतेमज ४ कोईक धनादिवडे युक्त नथी अने सुंदर आकृतिवाळो पण नथी. चार प्रकारना गाडा विगेरे यान कहेला छे, ते आ
| काध्ययने प्रमाणे-१ एक यान बळदोवडे युक्त छे, वळी युक्तशोभ-उचित शोभावालं छे, २ एक यान बळदोवडे युक्त छे पण उचित शोभावाल्छु नथी, ३ एक यान बळदोवडे अयुक्त (जोडेलु नथी) पण उचित शोभावाल्छं छे तेमज ४ एक यान बळदोबडे जोडेलु
उद्देशः ३ नथी अने उचित शोभावाल्लं पण नथी. आ दृष्टांत चार प्रकारना पुरुषो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-१ कोई एक पुरुष उचित
यान-युग्यगुणवडे युक्त छे, वळी उचित शोभायुक्त छे, २ कोईक उचित गुणवडे युक्त छे पण उचित शोभावडे युक्त नथी, ३ कोईक * सारथिप्रउचित गुणवडे अयुक्त छे पण उचित शोभावडे युक्त छे अने ४ कोईक उचित गुणवडे अयुक्त अने उचित शोभावडे पण भृतिचतुअयुक्त छे. चार प्रकारना युग्य-अश्वादि वाहनो कहेला छे. ते आ प्रमाणे-१ कोईक अश्व युक्त-पलाण संयुक्त छ, अने भंगिका युक्त वेगवाळो छे, २ पलाण युक्त छे पण वेगवाळो नथी, ३ पलाण युक्त नथी पण वेगवाळो छ तेमज ४ पलाण युक्त सू० ३२० नथी अने वेग युक्त पण नथी. आ दृष्टांत चार प्रकारना पुरुषो कहेला छे, ते आ प्रमाणे-१ कोईक पुरुष धनधान्यादिवडे युक्त, वळी उत्साह गुणवडे युक्त छे, २ कोईक धनादिवडे युक्त पण उत्साह गुणवडे युक्त नथी, ३ कोईक धनादिबडे अयुक्त पण उत्साह गुण युक्त छे तेमज ४ कोईक धनादिवडे अयुक्त अने उत्साह गुणवडे पण युक्त नथी. एवी रीते जेम यान शब्द साथे चार आलापको कहेला छे तेम युग्य शब्द साथे पण चार आलापको कहेवा. प्रतिपक्षदार्टीतिक सूत्रोना पण चार प्रकारना पुरुषो यावत् एक पुरुष, उचित गुणवडे युक्त अने युक्त शोभावाळो छे इत्यादि चार
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