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बेठा छे राजाना रोफमां...
माथे मुगट कंठे हीरानो हंसलो, अमृत झरे शांतिनाथ दादाने पुंडरिक स्वामी,
महिमा गाजे त्रण लोकमां ...
रायण पगले वंदन करता, कर्मो खपे छे थोकमां ... कांकरे कांकरे सिद्ध अनंता, आव्यो छं मुक्तिनी शोधमां... कृपा करीने सेवकने तारजो, पद्म खीले पुरजोरमां... सागर मंडल जिन गुणगावे, समजी जावो ने कोलमां... १५. अलबेला आदीनाथ डुंगरे बीराजे,
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( राग चपटी भर चोखाने घीनो छे दीवडो) अलबेला आदीनाथ डुंगरे बीराजे, महिमा जगमां गाजे रे, हालो हालो ने सिद्धगिरि जइए रे...
हालो हालो ने आदिनाथ भेटीये रे...
पुंडरिक स्वामीने शांतिनाथ दादा, रायण पगलांनी जोडी रे... पंचम आरे मोक्षनी गाडी, चालोने टीकीट लइए रे... हर्षधरीने आव्या तलेटी, मुक्ति मेलववा मोटी रे... सोना रूपाना फूलडे वधावो, फूलोनी माला लइए रे.... झरमर झरमर मेहूलीयो वरसे, अंतरना मेलने धोवा रे.... सागर मंडल तुजने विनवे, भक्तिभावे गुण गाइने रे...
१६. भवोभव मलजो सिद्धाचल धाम
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तुज
नेणमां...
(राग - भक्ति करता छुटे मारा प्राण...) भवोभव मलजो सिद्धाचल धाम प्रभुजी एवं मागं छं.
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