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थोय
शंखेश्वर पासजी पूजीए, नर भवनो लाहो लीजिए.
मन वांछित पूरण सुर-तरु, जय वामासुत अलवेसरु.
भक्ति गीत विभाग
१. आदेश्वर अरज सुणो...
( राग एक बार मुखडो बताओ दीनानाथजी,)
एक बार मुखडो बताओ दीनानाथजी, थारी मोहनी मूरत लागे प्यारी, आदेश्वर अरज सुणो, सिद्धाचल रा राजा थे, तो, विमलाचल रा राजा; मेरूदेवी रा लाडका लाल, आदेश्वर अरज सुणो. युगला धर्म निवारक दादा, भव तारक भगवान रे; मारा वालाजी सुनंदा रा कंत, आदेश्वर अरज सुणो एक० बाहुबलीजी तार्या दादा, भरतजी तार्या;
मारी नाव लगावो भवपार टेश्वर अरज सुणो, एक० दादा थाने मालुम होवे, थारे शरण आया हो;
नहिं भूलांला थारो उपकार, आदेश्वर अरज सुणो, एक० कोयलडी बोले मीठा मोरलियाजी बोले हो;
थांरा 'भक्तो' करे रे पुकार, आदेश्वर अरज सुणो. एक० २. नाम है तेरा तारणहार...
नाम है तेरा तारणहारा, कब तेरा दर्शन होगा, जिनकी प्रितमा इतनी सुंदर, वो कितना सुंदर होगा,
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