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सारांश-यहां 'मार्जार' शब्द वनस्पति का द्योतक है । (९) "कड़ए" शब्द पर विचार
"कड़प" यह शब्द पुल्लिंग में है, संस्कार सूचक है, मार्जार शब्द से जुड़ा हुआ है और मंसपका विशेषण है । इसका संस्कृत पर्याय "कृतकः” है।
यदि यहां हड़प हए वहिप वगेरह प्रयोग होता तो उस का 'बीडालने मारा हुआ ऐसा अर्थ भी हो पाता, किन्तु यहां कड़ए प्रयोग है जिस का 'माजार से वासित भावित याने संस्कारित' यह अर्थ ही होता है ।
इसके अलावा बोडाल कुकड़ा को मारे और छोड़देवे, ऐसी अछत चीजों को शेठानी उठा लेवे, इस रोगमें वही ठीक माना जाय, इत्यादि कल्पना ही यहाँ अप्रासंगिक है ।
'मांसए' और 'कड़ए'का पुलिंग प्रयोग भी मांस अर्थ के खिलाफ में जाता है, और इस कल्पना को निष्फल बना देता है । ___ औषध विज्ञान में दूसरे से संस्कारित वस्तुओं के लीए दधिकृत राजीकृत मार्जारकृत इत्यादि प्रयोग होते है जिनका अर्थदहिंसे संस्कारित राईसे संस्कारित और बिडालिका औषधिसे संस्कारित वगेरह होता है।
सारांश-यहां कडए का अर्थ संस्कारित और 'मार्जार कड़ए' का अर्थ 'मार्जार वनस्पति की भावना वाला' होता है । (१०) "कुक्कुड़" शब्द पर विचार
"कुक्कुड़" यह एक किस्म की खाद्य 'वनस्पति' है । जो बहुत दिनों तक रह सकती है और जिसके खाने से गरमी रक्तदोष पित्तज्वर और पेचीश इत्यादि रोग शान्त होते हैं ।
जिसका संस्कृत पर्याय "कुक्कुट" होता है ।
"कुक्कुट" और कुक्कुट से बने हुए कतिपय शब्दो के अर्थ निम्न प्रकार है।
कुक्कुट-श्रीवारकः शितियरो वितन्तुः कुक्कुटः शितिः । अर्थात्-श्रीवारक, चतुष्पत्री । हैमोनिघंटु संग्रह)
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