________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir धनादितोर्मुक्षीयमामुत ॥१५॥एतत्त।एतत्तैरुद्रावसंतेनपुरामूजव / है तोतीहि॥अवततधन्वापुिनाकावसुल्कृत्तिवासाऽअहिर्छ सन्नरू शिवो है। तीहि // 16 // व्यायुषम् // व्यायुपंजुमद॑ग्नेः // कुश्यपस्यव्यायुष म् // यहेवेषुत्र्यायुर्वतन्नोऽअस्तुत्र्यायुषम्॥१७॥शिवोनामाशिवोर नामासिवधितिस्तैपुितानमस्तेऽअस्तुमााहिठ-सीत् // निवर्तया / म्यायुपेन्नाद्यायप्रजननायरायस्पोपांसुप्रजात्वार्यसुवीर्याय // 18 // इमारुद्राय॑तुवसेंकपुर्दिनेक्षुयद्वीरायुप्पभरामहेमुती: // यथाशमस है। ROADCADHADKI555 For Private And Personal Use Only