________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ROCRAKASHEKHAREL स्यदेवत्त्वमाजानुमग्ग्रे॥१७॥ वेदाहमेतम् // वेदाहमेतम्पुरुषम्मुहा है। हन्तमादित्यवर्णन्तमसत्पुरस्तात् // तमेवविदित्वातिमुत्युमतिना / / न्य पन्थविद्यतेय॑नाय // 18 // प्र॒जाप॑तिश्च // प्रजापतिश्चर, तिगर्भेऽअन्तरजायमानोबहुधाविजायते // तस्युयोनिम्परिपश्श्य है। शन्तिधीरास्तम्मिन्हतस्त्थुर्भुव॑नानिविश्वा // 19 // योदेवेभ्यः // योदेवेभ्यऽआतपतियोदेवानाम्पुरोहितः // पूर्वायोदेवेब्भ्योजातो, नमोरचायुब्राह्मये // 20 // रुचम्ब्राहमम् // रुचम्बाहमञ्जनयन्तो है For Private And Personal Use Only