________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 20 / त्वारि वयंचवसुसंख्यया // शतरुद्रीसमाख्याता यजुर्वेदेनभा अ. पिता // 2 // वेदवेदाब्धिरामाश्च रामरामाऽध्यकैकका // द्वौ / 12 द्वौ 2 मन्त्रौपृथक्लोक्तौनमकेचमकेतथा, इत्येवपाठः समी चीनम् // 3 // इतिध्यात्वा // मानसोपचारैःसंपूज्यः // हरिःॐ॥ माच्छन्दः प्रमाच्छन्दः पतिमाच्छन्दोऽअस्त्रीव युश्छन्दः / पंक्तिश्छन्दऽउष्णिक्छन्दोवृहुतीछन्दौनुष्टुप्च्छन्दोविराट्छन्दोंगा AAAAAA%E5 षट्पष्टिनीलसूक्तञ्च 66 पुनः षोडश!जपेत् // एषतेढे 2 नमस्तेढे 2 न तं. विद्वय 2 मेवच // 1 // मीढुष्टमचतुष्कञ्च 4 वयसो तिचाष्ट 8 वै // पुण्यवर्द्धनपापघ्नमेतद्विशतरुद्रियम्, इतिसमीचीनम् // 2 // For Private And Personal Use Only