________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पि महादेवोनस्यात् तस्यफलप्रदः // 1 // तस्मात्मृदापिकर्तव्यंल है। लाटेवैत्रिपुंड्रकम् // ॐनमः इतिरुद्राक्षान्प्रत्येकंअभिमंत्र्य।मा | लाधारयेदित्युक्तं तत्रैवापूजाधिकारार्थपंचाक्षरजपउक्तस्तत्रैवभवि है। हष्ये // 2 // महापातकयुक्तोवामंत्रस्यास्यजपेयथा॥अधिकारीमा है। वेत्सर्वइतिदेवोब्रवीच्छिवः // 3 // षड्पष्टीनीलसूक्तंच पुनःषोडश इमेवच / एषतेंद्रे नमःस्तेढे नतंविद्वयमेवच // 1 // मीढुष्टमेतिचा निर्णयसिं.३ पू. पा. पू. For Private And Personal Use Only