________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(३७) मणक रसलसल नय पंजरकुंजर, तिहणजणाणंदचंद नुवणत्तयदिणयर जय मश्मेणि वारिवाह जय जंतुपियामह, अंजणयथि पासनाह नाहत्तण कुण मह ॥ ७ ॥ बहु विहवएणुअवएणुसुएणुवमित उपमिहि, मुरकधम्म काम काम नर नियनियसहि ॥ जं जमायश् बहुदरिसणच बहुनामपसिझन, सो जोश मणकमलनसल सुह पास पवघउ ॥ ५ ॥ जय विघ्नल रणपिरदसण घरहरियसरीरय, तरलियनयणविसएणुसुण्णुगग्गर गिर करुण्य । तई सहसत्ति सरंति इंति नरनासिब गुरुदर मह विजवि सऊसइ पास जय पंजरकुंजर ॥ १० ॥ पई पास विविअसंतनित्तपत्तंतपवित्तिय, वाहपवाह पबूढरूढ मुहदाह सुपुलिय ॥ ममश्मएणुसजम पुसअप्पाणंसुरनर, श्य तिहुअणणंद चंद जय पास जिणेसर ॥ ११ ॥ तुह कहाणमहेसु घंटटंकारवपिक्षिय, वश्विरमहमहवनत्तिसुरवर गंजुलिय॥ हल्लुप्फलिश पवत्तयंति जवणेवि महूसव, इय तिहुणाणंदचंद जय पास सुहुनव ॥ १२ ॥ निम्मलकेवल किरणनियरविदुरिब तमपहयर, दंसिय सयलपयवसच विचरि
अ पहानर ॥ कलिकलुसिथ जण घूअलोयलोयणह अगोयर, तिमिरई निरुहर पास नाह नुवणत्तय दिणयर ॥ १३ ॥ तुह समरण जलवरिससित्तमाणवमा मेणि, अवरावरसुदुमडबोहकंदलदलरेणि ॥ जायइ फलनरत्तरिय हरिय मुहदाह अणोवम, श्य मश्मेणि वारिवाह दिस पास मई मम ॥ १५॥ कय अविकलकबाणवलि उलूरियउहवणु, दाविअसग्गपवग्गमग्ग सुग्गगम वार[, ॥ जय जंतुह जणएणतुलजंजणियहियावहु,
For Private And Personal Use Only