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कषाय-सूत्र पडिक्कमामि चउहिं कसाएहिं
कोह कसाएणं, माणकसाएणं, मायाकसाएणं, लोभकसाएणं ।
शब्दार्थ
पडिकमामि = प्रतिक्रमण करता हूँ माणकसाएणमानकषाय से चउहिं = चारों
मायाकसाएण=मायाकषाय से कसाएहिं = कषायों से
लोभकसाएण = लोभ कषाय से कोहकसाएण = क्रोधकषाय से
भावार्थ क्रोध कषाय, मान कषोय, माया कषाय और लोभ कषाय-इन चारों कषायों के द्वारा होने वाले अतिचारों का प्रतिक्रमण करता हूँ = अर्थात् उनसे पीछे हटता हूँ।
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