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॥ नमो वीतरागाय ॥
॥ श्रीमहावीरचरित्रम् ॥
॥ श्रीमद्गुणचन्द्रसूरिवर्यनिर्मितं ॥
65SSCRIBINISTRARA
पयडियसमत्थपरमत्थवित्वरं भवचक्ककयसोक्खं । विप्फुरद जस्स रविमंडलं व नाणं निहयदोसं ॥१॥ जस्स य सोहर पणमंतसक्कसंकंतनयणकमलवणं । कमविमलसरं तललीणमीणमयरं नहंसुजलं ॥२॥ संगमयपणइणीहि कडक्वविक्खेवखोमदक्खाहिं । जस्स मणागपि मणो न चालियं नियपइण्णाओ॥३॥ . नरतिरियदेवविहिजोवसग्गरिउवग्गविजयजायजसो । ओहामियऽण्णवीरो सो जया जिणो महावीरो ॥४॥ पणमह सिरिरिसहजिणिदचंदमुद्दामकामवलदलणं । गिहिसाहुधम्मपासायमूलपीढाइयं जेण ॥५॥ अजियाइणो जिणिंदा सुरिंदसंदोहनमियकमकमला । धम्ममहिधरणधीरा सेसव्व जयंति सेसावि ॥६॥ सो जयइ जिणो पासो जस्स सिरे सहइ फणिफणकडप्पो। पायडियसत्तजीवाइतत्तसंखं व दावितो ॥७॥ कविसेवियपयकमला सुचीहि पसाहिया महाभोगा । गोवग्गजणियसोक्खा सरस्सई जयइ सरियन्य ॥८॥
ॐ
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