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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ६४ | शावर तन्त्र शास्त्र टिप्पणी www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उक्त मन्त्र में जहाँ 'अमुक' शब्द आया है, वहाँ जिस स्त्री-पुरुष को वश में करना हो, उसके नाम का उच्चारण करना चाहिए। साधन - विधि उक्त मन्त्र किसी ग्रहण पर्व में १०००० की संख्या में जपने से सिद्ध हो जाता है । प्रयोग विधि आवश्यकता के समय इस मन्त्र को ताड़पत्र के उपर, साध्य व्यक्ति के नाम सहित लिखें। फिर कनेर का दूध तथा जल बराबर मात्रा में लेकर उसमें उक्त ताड़पत्र को डाल दें तथा रात्रि के समय उस ताड़पत्र एवं कनेर के दूध 'तथा जल वाले पात्र को अग्नि पर चढ़ादें तथा स्वयं उसके सामने बैठकर १००० बार उक्त मन्त्र का जप करें। इस क्रिया को निरन्तर सात दिन तक करते रहने से साध्य व्यक्ति वशीभूत हो जाता है । यह प्रयोग स्त्री-पुरुष दोनों को वशीभूत करने वाला है । सर्व वशीकरण मन्त्र ( ३ ) मन्त्र -- “ॐ नमः कामाय सर्वजन प्रियाय सर्वजन सम्मोहनाय ज्वल ज्वल प्रज्वालय प्रज्वालय सर्वजनस्य हृदयं मम वशं कुरु कुरु स्वाहा ।” साधन - विधि एवं प्रयोग-विधि यह मन्त्र १०००० की संख्या में जपने से सिद्ध होता है । मन्त्र के सिद्ध हो जाने पर जिस व्यक्ति के ऊपर प्रयोग करना हो, उसके सम्मुख पहुंच कर १०८ बार मन्त्र को मन-ही-मन पढ़ कर साध्य व्यक्ति के शरीर पर फूंक मारने से वह वशीभूत हो जाता है । सर्व वशीकरण मन्त्र ( ४ ) मन्त्र – “ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय त्रिलोचनाय त्रिपुरवानाय | 'अमुक' मम वश्य कुरु कुरु स्वाहा ।" For Private And Personal Use Only
SR No.020671
Book TitleShavar Tantra Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Dikshit
PublisherDeep Publications
Publication Year1994
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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