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विहिओ चउण्ह वि तओ भोयणतंबोलवत्थमाईओ। रूवगसयमोल्लो ऽ किवणभावकलियाइ उवयारो ॥ १९ ॥
तइयदिणेऽमञ्चसुओ बुद्धिपहाणो गओ निवघरम्मि । जत्थ विवाया वटंति बहुविहा भूरिकाला य ॥ २० ॥ तत्थ य दो महिलाओ एगं पुत्तं उवट्ठिया घेत्तुं । भाणिओ ताहिं अमञ्चो भो सामिय सुणसु विण्णत्तिं ॥२१॥ एत्थागयाणमम्हं दूरा देसंतराउ पइमरणं । संजायं दविणमिमं पुत्तो य इमो समत्थि त्ति ॥ २२ ॥ ता जीइ एस पुत्तो दविणं पि हु तीइ निच्छयं होइ । लग्गो य बहू कालो अम्हे तुम्हं सरंतीणं ॥ २३ ॥ ता जह अज्ज विवाओ एसो परिछिज्जई तहा कुणसु । पुत्तं धणं च दाऊण भासियं तो अमच्चेण ॥ २४ ॥ अव्वो एस अउयो कहँ छिजिस्सइ विवाओ त्ति । इय भणिरम्मि अमच्चे भणियमहामञ्चपुत्तेण ।। २५ ॥ जइ तुम्हाणमणुण्णा विवायमेयं अहं खु छिंदामि । अणुमन्निएण तेणं भणिया महिलाउ ता दो वि ॥ २६॥ एत्थमुट्ठवह धणं पुत्तं च तओ कए ताहि । उवणीयं करवत्तं धणस्स भागा य दो वि कया ।। २७ ॥ पुत्तस्स नाभिदेसे करवत्तं जा दुभागकरणाय । आरोवियं न अन्नह छिज्जइ एसो विवाओ त्ति ॥ २८ ॥ ता सुयजणणी निकित्तिमेण नेहेण लंधिया भणइ । दिज्जउ पुत्तो वित्तं इमाए मा होउ सुयमरणं ।। २९ ।।
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