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३७
गाथा
विषय
७-८ चौद जीवस्थान पैकी कया कया जीवस्थानमां कर्मनी मूल आठ प्रकृतिमांथी केटली केटली प्रकृतिनो बन्ध, उदय, उदीरणा अने सत्ता होय ? तेनुं स्वरूप
द्वितीय मार्गणास्थानअधिकार
९ चौद मार्गणानां नाम अने तेनुं स्वरूप
१० गति, इन्द्रिय, काय अने योग आ चार मार्गणाना उत्तर भेदोनी सङ्ख्या अने तेनी व्याख्या
११ वेद, कषाय, अने ज्ञान आ त्रण मार्गणाना उत्तर भेदोनी सङ्ख्या अने तेनुं सविस्तर व्याख्यान
१२ संयम अने दर्शन आ बे मार्गणाना उत्तर भेदोनी सङ्ख्या १२ संयममार्गणाना उत्तर भेदो पैकी सामायिक अने छेदोपस्थापनीय चारित्रनुं स्वरूप
१२ छेदोपस्थापनीयचारित्रना बे भेद
१२ संयममार्गणाना उत्तर भेदो पैकी परिहारविशुद्धिकचारित्रनी व्या ख्या तथा तेना बे भेद अने तपस्या आदिना स्वरूपनी गाथाओ १२ परिहारविशुद्धि चारित्रनी प्ररूपणा माटे क्षेत्रादि वीस द्वारो क्षेत्रद्वारमां परिहारविशुद्धिकचारित्री भरतादिक्षेत्रो पैकी कया क्षेत्रमां होय ? तेनुं स्वरूप
कालद्वारमां परिहारविशुद्धिक अवसर्पिण्यादिकाळ पैकी कया काळमां होय ? तेनुं स्वरूप
चारित्रद्वारमां परिहारविशुद्धिक सामायिकादि पांच चारित्र पैकी कया चारित्रमां होय ? तेनुं स्वरूप
तीर्थद्वारमां परिहारविशुद्धिक तीर्थमां होय के अतीर्थमां होय ? तेनुं स्वरूप
पर्यायद्वारमां परिहारविशुद्धिकने गृहस्थ अने यति पणानो जघन्य तथा उत्कृष्ट केटलो पर्याय होय ? तेनुं स्वरूप आगमद्वारमां परिहारविशुद्धिक नवीन आगमनुं अध्ययन करे के न करे ? तेनुं स्वरूप वेदद्वारमां परिहारविशुद्धिनी प्रवृत्ति वखते स्त्रीवेदादि पैकी कया वेदमां होय ? तेनुं स्वरूप
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