SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 28
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीसामाचारी समाश्रितं - श्रीसप्तपदी शास्त्रम् . श्री दशाgतस्कंधेऽष्टमाध्ययने- "तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स नवगणा इकारसगणहरा दुध्या से केणणं भंते ! एवं बुवति - समणस्स भगवओ महावीरस्स नवगणा इक्कारसगणहरा हुथ्या? समणस्स भगवओमहावीरस्स जेठ्ठे इंदभूई अणगारे गोयमगुत्तेणं पंचसमणसयाई वाएइ, मज्झिमए अग्भूई अणगारे गोयमगुत्तेणं पंचसमण सयाई बाएइ, कणीयसे अणगारे वाजभूई गोयमगुत्तेणं पंचसमणसयाई वाएइ, थेरे अज्जवियत्ते भारद्दाएगुत्ते पंचसमणसयाई वाएइ, थेरे अज्जसुहुम्मे अग्गवेायगुत्ते पंचसमणसयाई वाएइ, थेरे मंडियपुत्तेवासिगुणं अधुट्टाई समणसयाई वाएइ, थेरे मोरियपुत्ते कासवगुत्तेणं अध्धुद्वाईं समणसयाई वाएइ, थेरे अकंपिए गोयमगुत्तें थेरे अयलभाया हारियायणे गुत्तेणं पत्तेयं एते दुनि वि थेरा तिनि २ समणसयाई वाएंति, थेरे अज्ज मेहज्जे-थेरे अज्ज भासे एते दुन्नि थेरा कोडिन्नागुणं तिन्नि २ समण सयाई वाएंति से तेणद्वेणं अज्जो एवं बुचंति समणस्स भगव - ओ महावीरस्स नवगणा इक्कारसगणहरा हुथ्या सव्वे एते समree भगवओ महावीरस्स इकारसवि गणहरा दुवालसंगिणी चउदस पुविणो सम्मत्तगणिपिडगधारगा रायगिहे नगरे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं कालगया जाव सङ्घदुक्खप्पहीणा | • येरे इंदभूई थेरे अज्ज सहुम्मेय सिद्धिगए महावीरे पच्छा दुनिवि थेरा परिनिव्या, जे इमे अज्जत्ताए समणा निगंधा बिहरंति एएणं सव्वे अज्जहुम्म अणगारस्स आवञ्चिज्जा, अब For Private And Personal Use Only
SR No.020656
Book TitleSaptapadi Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarchandrasuri
PublisherMandal Sangh
Publication Year1940
Total Pages291
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy