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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ६-बलिया ज़िला ( गजेटियर छपा १९०७) इसकी चौहद्दी इस प्रकार है दक्षिण में नदी घाघरा व जिला गाज़ीपुर, पश्चिम में सरजू नदी, उत्तर में जिला श्राज़मगढ़, पूर्व में शाहाबाद । इसमें १२४० वर्गमील स्थान है।। __बलिया बहुत प्राचीन काल से बसा हुआ था । तुरतीपुर के पास रखैराडीह में बहुत से खंडहर हैं जहां कुशान समय के सिक्के मिले हैं। (१) लखनेश्वर परगना-एक बहुत प्राचीन स्थान है। सरजू नदी के बाईं तरफ एक पुराने नगर के शेषांश हैं। (२) नरायनपुर-परगना गढ़--करन्ताडीह के पश्चिम २ मील । बलिया से गाजीपुर जाती हुई खास सड़क पर । यह बहुत प्राचीन स्थान है । पुराने सिके मिले हैं। (३) रसरा-बलिया से उत्तर पश्चिम २१ मील । पुराने खंडहर हैं । नाथ बाबा का मंदिर व दूसरे मन्दिर हैं। (४) सिकन्दरपुर-घाघरा नदी से दाहिनी तरफ ३ मोल, और बांसडीह १४ मील। यह प्राचीन नगर है। निःसंदेह यहां बहुत प्राचीनता है। पूर्व में ४ मील खरीद तक बहुत बड़े बड़े खंडहर हैं। For Private And Personal Use Only
SR No.020653
Book TitleSanyukta Prant Ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad Bramhachari
PublisherJain Hostel Prayag
Publication Year1923
Total Pages160
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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