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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५-परतापगढ़ ज़िला (गजेटियर छपा १६०४) इसकी चौहही इस प्रकार है:-उत्तर में जिला सुलतानपुर, पश्चिम में जिला रायबरेली, पूर्व में गोमती नदी, दक्षिण में ज़िला जौनपुर। इसमें १४४० वर्गमील स्थान है। (१) बिहार-तहसील कुन्दा । कुन्दा से ७ मील तथा बेला से २६ मील । यहां बहुत से ग्राम हैं, जैसे रामदास पट्टी, देवबार पट्टी, टाकी पट्टी जहां बहुत से खंडहर व टीले हैं । रामदास पट्टी के पूर्व जो टीला है उसको तुसारन कहते हैं यह सात एकड़ लम्बा व १५ फुट ऊंचा है। दूसरा १ टीला १० फुट ऊंचा तथा तीसरा २० फुट ऊंचा है। (२) परसरामपुर तहसील पट्टी-दांदूपुर स्टेशन से २ मील । यहां निकट में एक ऊंचा खेड़ा है, जिस पर बहुत सी खंडित पत्थर की मूर्तियां व टूटी हुई इंटें हैं जो प्राचीन मन्दिरों के खंड हैं (३) रंकी परगना अटेही तहसील परतापगढ़ अटेही से ४ मील दक्षिण पश्चिम बहुत बड़े खंडहर हैं। खाई सहित एक इंटों का किला है। यह निःसन्देह बहुत ही प्राचीन स्थान है । इन्डो-वैकटीरिया के बहुत से सिक्के इन For Private And Personal Use Only
SR No.020653
Book TitleSanyukta Prant Ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad Bramhachari
PublisherJain Hostel Prayag
Publication Year1923
Total Pages160
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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