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१५ - गोंडा
( गज़ेटियर छपा १६०५ )
इसकी चौहद्दी इस प्रकार है :- दक्षिण में फैज़ाबाद और बहरायच, उत्तर में नेपाल राज्य, पूर्व में गोंडा और वस्ती ज़िला, पश्चिम में बहरायच ।
इस में २८०६ वर्ग मील स्थान है ।
इतिहास - प्राचीन श्रावस्ती नगरी (जैनियों के तीसरे तीर्थकर संभवनाथजी की जन्म नगरी है ) में यह गोंडा शामिल था। बौद्धों के काल में यह एक मुख्य नगर था । छठी शताब्दी के चीन यात्री हुईन सांग ने इस नगर को ऊजड़ पाया था । श्रावस्ती का वर्णन हर्ष वर्द्धन (सन् ६३१ ई० ) महेन्द्रपाल (सन् ७६१ ) तथा भावगुप्त द्वि० ( १० वीं सदी) के ताम्रपत्रों में श्राया है। पीछे की यह कक्षाप्रसिद्ध है कि यहाँ एक राजा सुहिल दल हो गया है जिसने सैयद सालार के साथ युद्ध किया था ।
सुहिल दल या सुहिल देव राजपूत वंश का जैनीं या ऐसा बहुत सी जगह कथन श्राया है। उस राजपूत वंश को भारया थारू या डोम कहते थे । स्थानीय कहावतों से इस राजा का सम्बन्ध सहेठ महेट ( श्रावस्ती ) अशकपूर
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