________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
124 कुवलयानंदकार अप्पय्य - 114/124/134/144
दीक्षित ने (?) अलंकारों
की चर्चा की है125 भारतीय रसायनशास्त्र का - रसचंद्रिका/रसजलनिधि/
विवेचन (?) ग्रंथ में है- रसप्रदीप/ रसमंजरी। 126 रसजलनिधिके लेखक - विश्वेश्वर पांडेय/ (?) थे
भूदेव मुखोपाध्याय
प्रभाकरभट्ट/ भानुदत्त। 127 आयुर्वेदीय रसविद्या का - रसरत्नाकर प्राचीनतम ग्रंथ (?) है- (या रसेन्द्रमंमल)
रसजलनिधि/रसरत्नसमुच्चय
रसमंजरी 128 नागार्जुन के रसविद्या . रसेन्द्रमंगल/ रसजलनिधि/
विषयक ग्रंथ का नाम रसरत्नसमुच्चय/रसमंजरी/
काव्य लिखने की परम्परा बाणभट्ट/ विशाखदत्त ।
के प्रवर्तक (?) है139 भट्टिकाव्य का वास्तव - रावणवधम/रामोदयम्/ नाम (?) है
रामायणकाव्यम्/
रावणार्जुनीयम् 1140 भट्टिकाव्य के 22 सर्गो में - 24/25/34/35
कुल श्लोकसंख्या 36
सौ से (?) अधिक है141 रुद्राध्याय के 'नमक' और- 10/11/12/13 |
'चमक' नाम के दो भागों में प्रत्येकशः (?)
अनुवाक है142 लंकावतारसूत्र में - रावण/ बिभीषण/ इन्द्रजित्/
विज्ञानवाद का सिद्धान्त कुम्भकर्ण/ भगवान् तथागत ने (?)
को बताया है143 लिंगपुराण में अध्यायोंकी- 2/3/4/5
संख्या 160 से (?)
अधिक है144 लिंगपुराण में भगवान्, - 8/10/24/28
शिव के (?) अवतार
वर्णित है145 भास्कराचार्यकृत सिद्धान्त - अंकगणित/ बीजगणित/
शिरोमणि के लीलावती ग्रहगणित/ भूमिति/ नामक खंड का विषय
129 शिंगभूपाल विरचित - रसार्णवसुधाकर/दशरूपक
नाट्यशास्त्र विषयक साहित्यदर्पण/ भावप्रकाशन
श्रेष्ठ ग्रंथ का नाम (?) है 1130 राघव-पाण्डवीय के - कामदेव/ जयचन्द्र/भंजदेव
रचयिता कविराज (?) रघुराजसिंह
के आश्रित थे131 सुप्रसिद्ध राजतरंगिणी में - गोविंद/दुर्लभवर्धन/
वर्णित प्रथम राजा का अनंगपीड/ उच्छल ।
नाम (?) है132 रामचरितमानसम् का - तिरुवेंकटाचार्य/ रमा
संस्कृत रूपांतर (?) ने चौधुरी/ नलिनी पराडकर/ किया है
विश्वनाथसिंह महाराज/ 133 श्रीरामरक्षास्तोत्र की कुल - 30/35/40/45
श्लोकसंख्या (?) है134 “चतुर्विंशातिसाहस्त्री - वाल्मीकि-रामायण/
संहिता"- इस नामसे अद्भुतरामायण/आनंद(?) ग्रंथ पहचाना जाता रामायण/ अध्यात्मरामायण
146) सुप्रसिद्ध लीलावती - 10/15/20/
ग्रंथपर (?) टीकाएँ
लिखी गई है147 लीलावती का फारसी - अबुल फैजी/ अबुल अनुवाद (?) ने किया फजल/ हारूं अलरशीद/
अल्बेरूनी। 148 लोकेश्वरशतकम् स्तोत्र में - शिव/ विष्णु/बुद्ध/
(?) स्तुति है- महावीर 149 कुन्तककृत वक्रोक्ति- - 160/165/170/1751
जीवित में कारिकाओं की
कुलसंख्या (?) है1150 कुन्तक के मतानुसार - 4/6/8/10
वक्रोक्ति के मुख्य भेद
135 सप्तकाण्डात्मक वाल्मीकी- 445/545/645/745
रामायण की कुल सर्ग
संख्या (?) है136 वालिवध का आख्यान - अरण्य/किष्किंधा/ सुंदर/
रामायण के (?) काण्ड युद्ध
में है137 सम्प्रति उलपब्ध वाल्मीकि- काश्मीर/ बंगाल/ उत्तरी
रामायण के तीन संस्करणों भारत/ दक्षिण भारत/ में (?) का संस्करण नहीं
माना जाता138 संस्कृत साहित्य में शास्त्र - भटि/ त्रिविक्रम भट्ट/
- 3/4/5/61
151 वेदान्तवादावली ले
लेखक जयतीर्थ, माध्वगुरु परंपरा में (?) वे गुरू थे
40 / संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी
For Private and Personal Use Only