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(?) नाटक नहीं है- विजय । शिवराजाभिषेक। 512 143 ग्रंथों के लेखक - आंध्र । कर्णाटक । केरल ।
वेल्लंकोण्ड रामराय (?) तमिलनाडु ।
के निवासी थे513 किंवदन्ती के अनुसार - नीलकण्ठ दीक्षित । भट्टोजी (?) मरणोत्तर ब्रह्मराक्षस दीक्षित । भट्टनारायण ।
भट्टात्रि। 514 114 ग्रंथों के लेखक - 20/19/18/11
मुटुंबी वेंकटराम नरसिंहाचार्य (?) शतीके
विद्वान है515 राघवाचार्य कृत वैकुण्ठ- . पौराणिक कथा/ ऐतिहासिक
विजयचम्पूका विषय घटना/ तीर्थमंदिरवर्णन । (?) है
भक्तचरित्र। 516 वाचस्पति मिश्र की पत्नी - लीलावती । भामती।
का नाम (?) था- सरस्वती। अवंतिसुंदर । 517 भास्कराचार्य की विदुषी - सरस्वती । लीलावती।
कन्या (?) थी- रामभद्राम्बा । विजयांका। 518 अकलंकदेव की अष्टशती- सप्तशती । अष्टसाहस्त्री।
पर विद्यानन्दी कृत टीका दशशती । पंचदशी।
का नाम (?) है। 519 क्रियागोपन-रामायण- - 12/14/16/181
चम्पू की रचना शेषकृष्णने __(?) वीं शताब्दी में की520 हेमचंद्रसूरि (?) उपाधि - कलिकालसर्वज्ञ ।सर्वज्ञभूप से विभूषित थे- कवितार्किककण्ठीरव।
घटिकाशतसुदर्शन। 521 अष्टाध्यायी की पूर्ति के - धातुपाठ । गणपाठ।
लिए पाणिनि ने (?) नहीं फिटसूत्र । उणादिसूत्र ।
लिखा। 522 अष्टाध्यायी की पूर्ति के - 2/3/4/5।
लिए कात्यायन द्वारा रचित वार्तिकों की संख्या
(?) सहस्त्र है523 महारानी अहल्यादेवी के - करमरकर शास्त्री।
जीवनपर महाकाव्य (?) सखारामशास्त्री भागवत । ने लिखा है
श्रीपादशास्त्री हसूरकर।
डॉ. प्र. न. कवठेकर। 524 पांचरात्र साहित्य के - अहिर्बुध्न्य । शाकल।
अन्तर्गत निर्मित 215 तैत्तिरीय । कौथुम संहिताओं में प्रमुखतम
(?) संहिता है525 अहिर्बुध्न्य संहिता की - काश्मीर । पंचनद । विदेह ।
रचना (?) में हुई- सिन्धुदेश।
526 वैष्णवों के पांचरात्र - आगमप्रामाण्य । आगम
सिध्दान्त का अवैदिकत्व तत्त्वविलास ।आगमचन्द्रिका । यामुनाचार्यने (?) आगमकल्पवल्ली।
ग्रंथद्वारा खंडित किया527 वैदिक और तांत्रिक मार्गों - आगमोत्पत्ति-निर्णय ।
के विभेद की चर्चा कालीभक्ति-रसायन । काशीनाथ भट्ट ने अपने पुरश्चरणदीपिका । पदार्थादर्श ।
(?) ग्रंथ में की है528 सुप्रसिद्ध तांत्रिक लेखक - काश्मीर । वाराणसी।
काशीनाथ भट्ट (?) प्रतिष्ठान । करवीर।
के निवासी थे529 तैत्तिरीय संहिता के - आत्रेय । गौतम।
पदपाठकार (?) ऋषि गोविन्दस्वामी । आपस्तम्ब ।
माने जाते है530 (?) उपपुराण है- - ब्रह्माण्ड । विष्णुधर्मोत्तर।
ब्रह्मवैवर्त । गरुड। 531 विष्णुधर्मोत्तर पुराण (?) - 805/806/807/ 808 ।
अध्यायों में विभक्त है532 उपपुराणोंका विशिष्ट - डॉ. हाजरा । डॉ. प्रियबाला
अध्ययन (?) ने नहीं - शाह । डॉ. स्टेला क्रामरिश्च । किया
मैक्समूलर। 533 वाल्मीकि को विष्णु का - गणेश । नरसिंह।
अवतार (?) उपपुराण विष्णुधर्मोत्तर । सौर।
में माना है534 पुराण के पंचलक्षणां में - सर्ग । प्रतिसर्ग । गाथा ।
(?) नहीं माना जाता- मन्वन्तर । 535 पुराणों में (?) दशलक्षणी- श्रीमद्भागवत । पद्म ।
पुराण माना गया है- अग्नि । स्कन्द । 536 महापुराणों एवं उपपुराणों - कूर्मपुराण । भविष्यपुराण।
में (?) अन्तभूर्त नहीं है- महाभारत । कालिकापुराण । 537 महापुराणों में (?) पुराण - अग्नि । वायु । पद्म । मत्स्य ।
प्राचीनतम माना जाता है538 कृष्णप्रिया राधा का - श्रीमद्भागवत । विष्णुधर्मोत्तर
उल्लेख (?) पुराण ब्रह्मवैवर्त लिंग।
में ही है539 विष्णुधर्मोत्तर पुराण - 2/3/4/51
(?) खंडों में विभाजित
540 श्रीमद्भागवत पुराण
(?) संवादद्वारा
निवेदित है541 हंसगीता (?) के
अंतर्गत है
- शुक-परीक्षित । कृष्ण
उध्दव । मैत्रेय-विदुर। नारद-वसुदेव। अध्यात्मरामायण। योगवासिष्ठ । विष्णुधर्मोत्तर पुराण । श्रीमद्भागवत।
18 / संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी
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