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दर्शन का समन्वय दशपदार्थी/सर्वसंग्रह। शिवादित्य के (?) ग्रंथ
में है। 384 भक्तियोग और वेदान्त - अध्यात्म-रामायण/
का उत्कृष्ट समन्वय (?) भागवत/योगवसिष्ठ/
में दिखाई देता है। हरिवंश पुराण। 385 शुकदेवकृत सिद्धान्त - द्वैताद्वैत/शुद्धाद्वैत/
प्रदीप नामक भागवत विशिष्टाद्वैत/द्वैत ।
व्याख्या (?) वादी। 386 संगीतदामोदर के कर्ता - मणिपुर/बंगाल/उत्कल
शुभंकर (?) के निवासी असम ।
थे। 387 मृच्छकटिककार शूद्रक - युद्ध/विषभक्षण/
की मृत्यु (?) कारण अग्निप्रवेश/हस्तिप्रहार ।
थे।
नहीं थे।
निघण्टुकार/ सूत्रकार। 369 ऋग्वेद के पदपाठ कार - शाकल्य/ यास्क/ उद्गीथ/ (?) थे।
स्कन्दस्वामी। 370 शारदातनय का
धर्मशास्त्र/ नाट्यशास्त्र भावप्रकाशन (?) संगीत/ भक्तियोग।
विषयका ग्रंथ है। 371 निःशंक शाङ्गदेव का - काश्मीर/कर्नाटक/महाराष्ट्र/
निवास (?) में था। असम 372 निःशक शागधर का - संगीतरत्नाकर/ रागविबोध का ग्रंथ (?) है। सुभाषितशाङ्गधर
शागधरसंहिता 373 धातुओं के भस्मीकरण - चरकसंहिता/
की प्रक्रिया प्रथम (?) शागधरसंहिता/
ग्रंथ में लिखी गई। माधवनिदान/ धातुरत्नमाला 374 जातिभेद को न माननेवाले- शालिकनाथ मिश्र/ श्रेष्ठ मीमांसक (?) पार्थसारथि मिश्र/
वाचस्पति मिश्र/प्रभाकर मिश्र 375 अ.भा. संस्कृत कवि - शालिग्राम शास्त्री/
सम्मेलन में पद्यात्मक भट्ट मथुरानाथ/ गुलाबराव अध्यक्षीय भाषण (?) महाराज/ चिंतामणराव ने दिया था।
देशमुख 376 शालिहोत्र ग्रंथ का - 12वीं/13वीं/14वीं/15वीं
अनुवाद अरबी भाषा
(?) शती में हुआ। 377 शालिहोत्र ग्रंथ का विषय - अश्वायुर्वेद/गजायुर्वेद
स्त्रीरोग/नाडीपरीक्षा 378 पंचभाषाविलास - शिवाजी/व्यंकोजी/
नामक यक्षगान के संभाजी/शरफोजी रचयिता शहाजी के पुत्र
(?) थे। 379 शिंगभूपाल कृत संगीत - संगीतरत्नाकर
सुधाकर (?) का टीका चतुर्दण्डिप्रकाशिका/ ग्रंथ है।
रागाविबोध/गीतगोविन्द। 380 शिंगभूपाल (?) के - कर्णाटक/ आन्ध्र/कोंकण/ अधिपति थे।
केरल 381 एडवर्ड-राजाभिषेक - शिवराम पांडे/
दरबारम् और उर्वीदत्त शास्त्री/ महालिंग जार्जराज्याभिषेक दरबारम् /शास्त्री/
के रचियिता (?) थे शिवरामशास्त्री। 382 शिवस्वामीकृत
अवदान कथा/जातक कफिणाभ्युदय
कथा/नीतिकथा/ महाकाव्य (?) पर अठ्ठकथा।
आधारित है। 383 वैशेषिक और न्याय - तर्कसंग्रह/सप्तपदार्थी/
388 "साहसे श्रीः प्रतिवसति" - मुद्राराक्षस/मृच्छकटिक/
यह सुभाषित (?) महावीरचरित/ नाटक में है।
विवेकानन्दविजय। 389 कोसलभोसलीय की - शेषकृष्ण/शेषाचलपति/
रचना के प्रीत्यर्थ, एकोजी शेषगिरि/शेषनारायण
ने (?) किया था। 390 “आन्ध्रपाणिनि' उपाधि - शेषविष्णु शेषाचलपति/
से (?) प्रसिद्ध थे। शेषाचार्य/शेषकृष्ण। 391 शोभाकर मित्र ने 39 - अलंकार-मणिहार/
नए अलंकारों का विवेचन कुवलयानंद/ (?) ग्रंथ में किया अलंकाररत्नाकर
अलंकार-मुक्तावली। 392 (?) ग्रंथ शौनक कृत - बृहद्देवता/ चरणव्यूह/ नहीं है।
ऋप्रातिशाख्य/
ऋगर्थदीपिका। 393 "श्रद्धासूक्त" ऋग्वेद - 7/8/9/10
के (?) मण्डल में है। 394 श्रद्धासूक्त (?) - नामकरण/मेधाजनन/
विधि में कहा जाता है विवाह/ श्राद्ध। 395 दूतकाव्यों की अधिकतम - कलिंग/वंग/आन्ध्र/केरल।
रचनाए (?) प्रदेश
396 दूतकाव्य की पद्धति के - दण्डी/भामह/अप्पय्य
प्रति (?) ने अरुचि दीक्षित/ विश्वनाथ ।
व्यक्त की है। 397 सदुक्तिकर्णामृत के - असम/वंग/उत्कल/महाराष्ट्र
रचयिता श्रीधरदास (?)
के निवासी थे। 398 श्रीश्वर विद्यालंकार ने - सप्तमएडवर्ड/
संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी / 13
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