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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 178 शब्दव्यापारविचार ग्रंथ (?) ग्रंथ पर आधारित 179 एक सौ से अधिक ग्रंथों के प्रणेता (2) है 180 मुहम्मद तुगलक द्वारा (?) सम्मानित थे 181 वल्लभाचार्य के संप्रदाय का (?) नाम है 182 अनर्धराघव (?) की नाटकरचना है 183 संत तुलसीदास के ( ? ) स्नेही थे 184 नय- विवेक ग्रंथ के (?) प्रणेता थे 185 मैकडोनेल का जन्म (?) नगर में हुआ था 186 सप्तसन्धान काव्य की रचना (2) ने की है 187 सप्तसन्धान काव्य में (?) की कथा नहीं है। 188 शेक्सपीयर की नाट्यकथाओं के (?) अनुवादक है 189 दयानन्दलहरी के (2) रचयिता थे 191 'सेक्रेड बुक्स ऑफ दि ईस्ट' ग्रंथमाला में (?) खंड प्रकाशित है - 192 बौद्ध विज्ञानवाद के - 190 मेक्समूलर द्वारा प्रकाशितऋग्वेद का संस्करण ( ? ) खंडों में है - 194 छत्रपति साम्राज्यम् नाटक के लेखक (?) संस्थापक (?) थे193 मैत्रेयी (?) की पत्नी थी अभिधावृत्तिमातृका काव्यप्रकाश / काव्यालंकारसारसंग्रह / काव्यसूत्रवृत्ति । मथुराप्रसाद दीक्षित / मुटुंबी वेंकटराम नरसिंहाचार्य/ माधवाचार्य / मेधाव्रतशास्त्री । मुरारि/ मुनीश्वर / मुनिभद्रसूरि मधुसूदन सरस्वती । पुष्टिमार्ग/ भक्तिमार्ग/ विष्णुभक्तिमार्ग/ नीतिमार्ग | मंख / मुरारि / राजशेखर / रत्नाकर । मधुसूदन सरस्वती/ वासुदेवानन्द सरस्वती दयानन्द सरस्वती / बालस्रस्वती । मुरारि मिश्र / भवनाथ / गंगेश उपाध्याय / बर्धमान उपाध्याय आक्सफोर्ड लिपझिंग / मुजफ्फरनगर / गोटिंग्टन | कमलविजय / सिद्धिविजय/ कृपाविजय / मेघविजय । बुद्ध / महावीर / राम / कृष्ण । मेडपल्ली वेंकटरमणाचार्य महालिंगशास्त्री / क्षमादेवी/ वरेन्द्र चट्टोपाध्याय । द्विजेन्द्रनाथ शास्त्री / मेघाव्रत शास्त्री । स्वामी श्रद्धानन्द । सत्यव्रत शास्त्री । 3/4/5/61 40/44/ 48/ 50 1 मैत्रेय रक्षित मैत्रेयनाथ आर्य असंग / बुद्धघोष याज्ञवल्क्य / मैत्रेय / वसिष्ठ / अगस्त्य । श्री. भि. वेलणकर / श्री. भा. www.kobatirth.org मूलशंकर 195 सुप्रसिद्ध आलदार स्तोत्र के (?) रचयिता थे 196 निरुक्त नामक वेदांग के (?) प्रसिद्ध आचार्य है197 कालिदास का प्रख्यात नाटक ( ? ) है 198 कालिदास की सुप्रसिद्ध उपाधि (?) है 199 शंकराचार्य (?) थे 200 मृच्छकटिक के लेखक (?) - 201 नाट्यशास्त्र के अनुसार रसों की संख्या (?) है202 हरविजयकार रत्नाकार (?) के निवासी थे203 जवाहरलाल नेहरू विजय नाटक के प्रणेता (2) है 205 'रत्नखेट' उपाधि के धनी (?) थे 206 कालिदास की सुप्रसिद्ध "दीपशिखा" की उपमा (?) काव्य में है। 207 रासपंचाध्यायी (?) के अंतर्गत है । 208 महाभारत के मूल संस्करण का (?) नाम था। 209 प्रसिद्ध साहित्यिक राजवर्म कुलशेखर (?) के नरेश थे। 210 राजशेखर की विदुषी पत्नी का नाम (?) था। 211 काव्यमीमांसा की रचना - For Private and Personal Use Only - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - याज्ञिक / ग. बा. पळसुले । नाथमुनि यामुनाचार्य/ राममित्र/ पुण्डरीकाक्ष यास्क / गालव / दुर्गाचार्य/ वररुचि । मालविकाग्निमित्र/ 204 रविकीर्ति के शिलालेख में हर्षवर्धन / सत्याश्रय (?) का वर्णन है पुलकेशी / शालिवाहन / चंद्रगुप्त श्रीनिवास दीक्षित/ नीलकंठ दीक्षित/ विक्रमोर्वशीय / शाकुन्तल/ प्रियदर्शिका | कवितार्किक / कविकुलगुरु कविरत्न / कविराज । सूत्रकार/ भाष्यकार / वार्तिककार / टीकाकार । भास शूद्रक/ भवभूति विशाखदत्त । छह / आठ/नौ/ दस। काशी/ कांची/ काश्मीर / कामरूप । रमाकान्त मिश्र / श्रीधर वर्णेकर/ श्रीराम वेलणकर/ सत्यव्रत शास्त्री । राजचूडामणि दीक्षित/ राघवेन्द्र कवि । रघुवंश / कुमारसंभव/ मेघदूत / ऋतुसंहार । विष्णुपुराण भागवत पुराण मत्स्य पुराण / पद्मपुराण । जय / भारत / शतसाहस्री/ संहिता / पाण्डवचरित । तंजौर मैसूर/ त्रिवांकुर / वाराणसी। अवंतिसुंदरी / त्रिपुरसुंदरी / मलयसुंदरी /कर्पूरमंजरी। कुलशेखर / राजशेखर / संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी / 7
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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