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भक्तध्रुव, सीताहरणम् (सभी रूपक)
भाऊशास्त्री(20) भागीरथीप्रसाद त्रिपाठी (20)
भानुकर (16)
भानुदत्त (13) भोज (धारानरेश) (11)
धनपाल(10)
चतुर्विंशतिकास्तोत्र टीका
तिलकमंजरी (कथा) नारायणदत्त त्रिपाठी आयुर्वेददर्शन, (20)
मुमुक्षुसारसंग्रह, स्वरूपप्रकाश, चिदम्बररहस्यम् पत्रिकाएं- ऋतम्भरा (जबलपुर) मेधा (रायपुर), मालविका (भोपाल),
दूर्वा (भोपाल) पद्मनाभ
नवसाहसांकचरितम् (परिमलकालिदास) (महाकाव्य) (10) पद्मनाभ मिश्र
वीरभद्रचम्पू, शरदागम भट्टाचार्य(16)
(चंद्रालोक की टीका),
राद्धान्तमक्तासर पन्नालाल जैन (20) : रत्नत्रयी परिमलकाची (20) मातृभूमिकथाशतकम् पीताम्बरपीठाधीश : पंचोपनिषद्भाष्यम् (20) डॉ. प्रभुदयालु : अभिनवमनोविज्ञानम् अग्निहोत्री प्रीतमलाल काची
आराधनाशतकम् (20)
शांतिशतकम्, उन्नतिशतकम्, ब्रह्मचर्यशतकम्,
भक्तिशतकम् प्रेमनारायण द्विवेदी : सौंदर्यसप्तशती, (20)
(बिहारी की सतसई का अनुवाद) श्लोकावली, सूक्तिरत्नाकर
(दोनों अनुवाद) बदरी प्रपन्नाचार्य
गीतार्थबिन्दु (20) बलभद्रसिंह
: वृत्तिबोध (छंदःशास्त्र) बिल्हण (13)
कर्णसुंदरी नाटक
(देखिए कर्नाटक सूची) बिहारीलाल व्यास
भानुकरकृत रसमंजरी
की व्याख्या बिहारीलाल शास्त्री : लांगलिविलासम् ब्रह्मगुप्त (12)
ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त डॉ. श्रीमती भवालकर : रामवनगमनम्, वनमाला
पार्वतीपरमेश्वरीयम्, पाददण्ड, अन्नदेवता,
अध्यात्मविद्या बीजवृक्ष (व्याकरण), कृषकाणां नागपाशः, मंगलमयूख (उपन्यास), कथासंवर्तिका भागवतचम्पू, रसमंजरी, रसतरंगिणी, शृंगारदीपिका, अलंकारतिलक, (चारों साहित्यशास्त्र विषयक) गीतगौरीपति सरस्वतीकण्ठभरणम्, शृंगारप्रकाश, चम्पूरामायण, शृंगारमंजरी, राजमृगांक, और राजमार्तण्ड (दोनों ज्योतिषविषयक), योगसूत्रटीका, तत्त्वप्रकाश (शैवमत) चारुचर्या
(कुल 23 ग्रंथ) : माथुरीपंचलक्षणी
मथुराप्रसाद शास्त्री (20) मदन(13) महासेन (10) माणिक्यचंद्र (11) मायुराज (मात्राराज अनंगहर्ष) माधव उरव्य (16) मित्रमिश्र (17)
: पारिजातमंजरी (नाटक) : प्रद्युम्नचरितम् (नाटक)
परीक्षामुख उदात्तराघवम् (नाटक), तापसवत्सराजम् वीरभानूदयम् (महाकाव्य) वीरमित्रोदय (धर्मशास्त्र) आनंदकंदचम्पू
अनर्घराघवम् (नाटक) : शिंदेविजयचम्पू
मुरारि (8) मुसलगावकर सदाशिव सीताराम (20) रघुपति शास्त्री(19)
: कादम्बिनी (पत्रिका),
विद्वत्कला (पत्रिका)
(ग्वालियर से) : राजरंजनम् (आखेट विद्या)
रघुनाथसिंह (रीवानरेश-19) रघुराजसिंह (रीवानरेश-19)
सुधर्मविलासम् (महाकाव्य) शम्भुशतकम्,
504 / संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड
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