________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
धीरमति नन्दकिशोर नरसिंह ठाकुर (16) नरहरि
नरहरि मिश्र नीलाम्बर झा
खण्डनखाद्यटिप्पण, सत्प्रतिपक्षटिप्पण, सुलोचनामाधवचम्पू, प्रस्तारविचार (छंदःशास्त्र), व्यत्पतिवादटीका, अद्वैत सिद्धिचान्द्रिका टिप्पण, सिद्धान्तलक्षणविवेचन,
अवच्छेदत्वनिरुक्तिविवेचन दानवाक्यावली। लग्नविचारनन्द। नरसिंहमनीषा (काव्यप्रकाश टीका) द्वैतनिर्णय, अधिकरणकौमुदी (धर्मशास्त्र)
ज्योतिषतंत्रम्। : गोलप्रकाश (ज्यो.)
पक्षधर जयदेव आलोक आनंद लहरी, शिशुपालवधम् एवं गोपालचरितम् की टीकाएँ, सुपद्मव्याकरण अजिता या तंत्रटीकानिबन्धन (तंत्रवार्तिक की टीका) संस्कार-दशकर्मपद्धति, सदाचारदर्पण, महिषासुरवधनाटकम्, यक्षसमागम, मिथिलेशप्रशस्ति, ऋतुवर्णन इत्यादि कुल 30 ग्रंथ। आचारदीपक। न्यायरत्नमाला तंत्ररत्न कणिका, शास्त्रदीपिका, न्यायरत्नाकर, (श्लोकवार्तिक की टीका)
पद्मनाभ मिश्र
चेतनाथ (20) : रामेश्वरप्रसादिनी
(भंगदूत की टीका)। जगद्धर
मालतीमाधव, मेघदूत, वासवदत्ता, वेणीसंहार
की टीकाएँ। जयदेव मिश्र
प्रसन्नराघव-नाटक, (पीयूषवर्ष) (13) चन्द्रालोक,
तत्त्वचिन्तामण्यालोक। जयदेव मिश्र (19) : बिनया (परिभाषेन्दुशेखर
की टीका), शास्त्रार्थरत्नावली, जया (व्युत्पत्तिवाद
की टीका), वास्तुपद्धति । जयमन्त मिश्र
काव्यात्ममीमांसा। (20)
काव्यस्वरूपमीमांसा,
विबुधकुसुमांजलि। जीवन झा (20) : प्रभुचरितकाव्यम् । जीवनाथ झा (20) : कामेश्वर प्रतापोदयचम्पू । ज्योतिरीश्वर ठाकुर : धूर्तसमागमप्रहसनम्,
पंचसायकम्। तरणिमिश्र
: रत्नकोश (न्यायसूत्र की व्याख्या) दामोदर मिश्र (14) : वाणीभूषण (साहित्यशास्त्रपर) दिवाकर उपाध्याय कुसुमांजलिपरिमल दीनबंधु झा
रामेश्वरप्रतापोदयम्, (20)
रसिकमनोरंजिनी.
लिंगवचनविचार दुर्गादत्त मिश्र (16) : वृत्तमुक्तावली । दुर्गादत्त (19) : वाताहह्वानम् (काव्य) देवकान्तठाकुर (20) : देवीचरितम्
(या महिषासुरवधम्)
देवीस्तुति। देवकीनन्दन
जानकीपरिणयम् देवनाथ ठक्कुर
अधिकरणकौमुदी, स्मृतिकौमुदी, काव्यकौमुदी (काव्यप्रदीप
की टीका) देवानंद
उषाहरणम् (नाटक) धनपति उपाध्याय
श्राद्धदर्पण। धनानन्द दास (18) : मातंगीकुसुमांजलितंत्र,
मंत्रकल्पद्रुम, वाक्चातुर्यम् धर्मदत्त (बच्चा) झा : व्याप्तिपंचकटीका, (19)
न्यायभाष्यटीका, वाक्यपदीयटीका, शक्तिवादटिप्पण, सव्यभिचारटिप्पण,
परितोष मिश्र
परमेश्वर झा (20)
पवनियासरस्वती पार्थसारथिमिश्र
:
चद्र
पीयूषवर्ष जयदेव (13) प्रभाकर प्रभाकर उपाध्याय प्रज्ञाकर मिश्र (13)
चंद्रालोक, प्रसन्नराधवम् (नाटक) रसप्रदीप। न्यायनिबन्ध की टीका। सुबोधिनी (नलोदय की टीका) राधापरिणय महाकाव्यम्, दीधिति (ध्वन्यालोक-टीका) चंद्रिका (रसगंगाधर की टीका), सुरभि (रसमंजरी की
बदरीनाथ झा (20)
500/ संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड
For Private and Personal Use Only